प्रश्न -2. काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
ऊधौ भले लोग आगे के ,परहित डोलत धाए|
अब अपनै मन फेर पाइहैं ,चलत जु हुते चुराए |
ते क्यौ अनीति करै आपुन ,जे और अनीति छुड़ाए|
राज धरम तौ यहै 'सूर',जो प्रजा न जाहिं सताए ।
(i)
काव्यांश का भाव सौन्दर्य लिखिए।
काव्यांश में प्रयुक्त छंद एवं कवि का नाम बताइए।
काव्यांश की भाषा की दो विशेषताएँ बताइए|
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कवि का नाम- प्रस्तुत पद कृष्ण भक्त कवि सूरदास द्वारा रचित है
भाषा-
1)ब्रज भाषा का प्रयोग।
2)सरल व सहज भाषा।
भाव सौन्दर्य :गोपियां कहती है – हे उद्धव ; अब कृष्ण ने राजनीति भी पढ़ ली है।उन्होंने हमारे लिए योग का संदेश भेजा है। आगे के लोग भी बड़े भले थे जो परहित के लिए भागे चले आए। अब हम अपने मन को फिर से पालेंगे जिसे किसी और (कृष्ण) ने चुरा लिया था। वह हमारे ऊपर अन्याय क्यों करते हैं। जिन्होंने दूसरों को अन्याय से छुड़ाया है। गोपियां उद्धव को राजधर्म की याद दिलाती है। राजधर्म यह कहता है कि प्रजा को सताया नहीं जाना चाहिए।
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