प्रश्न 2- पहले जो सम्मान डाकिये।
(postman)
को मिलता था वह आज
नहीं मिलता है, इस पर एक लेख लिखिए ।
Answers
पहले जो सम्मान डाकिये को मिलता था, अब नही मिलता (लेख)
पहले जो सम्मान डाकिए को मिलता था, वह अब नहीं मिलता, क्योंकि आज हम डिजिटल युग में प्रवेश कर गए हैं। अब हमें डाकिये की इतनी जरूरत नहीं रह गई है। अब हम पत्रों के माध्यम से संदेशों का आदान-प्रदान नही करते, बल्कि ई-मेल, व्हाट्सएप, एसएमएस, वीडिये कॉल आदि के माध्यम से अपने संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं, जिस में डाकिए की कोई भूमिका नहीं रह गई है, इस कारण अब पहले जो सम्मान डाकिये को मिलता था, वो अब नहीं मिल पाता।
पहले हम डाकिए का इंतजार करते रहते थे। डाकिए को अपने घर आता देख कर हमारे मन में एक अजीब सी खुशी की लहर दौड़ जाती थी, ये सोचकर कि अपने किसी प्रियजन की चिट्ठी आई होगी। उस समय डाकिया हमें अपने घर के एक सदस्य जैसा लगता था। डाकिया जब भी पत्र आदि लेकर आता, हम उसे चाय-पानी भी पिलाते थे। त्योहारों आदि पर उसे मिठाई भी देते थे और वह भी हक से मिठाई आदि मांगता था। इस तरह डाकिये के साथ एक आत्मीयता का रिश्ता कायम हो जाता था। लेकिन अब यह सारे संबंध बेमानी हो गए हैं, क्योंकि हम उस युग को पीछे छोड़ आए हैं और डिजिटल युग में प्रवेश कर गए हैं। जहाँ डाकिए की भूमिका गौण हो गई है और डाकिया परिदृश्य से गायब हो गया है। इसी कारण हम ई-मेल, व्हाट्सएप, एसएमएस, वीडियो कॉल, वॉइस कॉल आदि में सिमट कर रह गए हैं। इसलिए अब हमारा डाकिये से मेल-मिलाप और संवाद कम ही हो पाता है। इसी कारण डाकिये को वह पहले जैसा सम्मान नहीं मिल पाता।
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