प्रश्न-2. पदयाश को पढ़कर सामने दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(5)
जिस पर गिरकर उदर-दरी से तुमने जन्म लिया है
जिसका खाकर अन्न, सुधा-सम नीर-समीर पिया है।
वह स्नेह की मूर्ति दयामयी माता-तुल्य मही है
उसके प्रति कर्तव्य तुम्हारा क्या कुछ शेष नहीं है?
पैदाकर जिस देश-जाति ने तुमको पाला-पोसा।
किए हुए है वह निज हित का तुमसे बड़ा भरोसा
उससे होना उऋण प्रथम है सत्कर्तव्य तुम्हारा
फिर दे सकते हो वसुधा को शेष स्वजीवन सारा
1 खाकर जिसको अन्न में किसका
अन्न खाने की बात कवि ने कही है?
2. स्धा-सम नीर-समीर पिया है में
निहित अलंकार का नाम बताइए।
3 कवि ने किसके ऋण से उऋण होने
की बात कही है?
4 कवि किसे किसके प्रति कर्तव्यों
की याद दिला रहा है और क्यों?
5 देश जाति के प्रति व्यक्ति का
पहला कर्तव्य क्या है और क्यों?
Answers
Answer: 1 खाकर जिसका अन्न में किसका
अन्न खाने की बात कवि ने कही है?
उत्तर : कवि ने धरती -माता का अन्न खाने की बात कही है |
2. स्धा-सम नीर-समीर पिया है में
निहित अलंकार का नाम बताइए।
उत्तर : उपमा अलंकार है |
3 कवि ने किसके ऋण से उऋण होने
की बात कही है?
उत्तर : कवि ने देश -जाति के ऋण से उऋण होने
की बात कही है |
4 कवि किसे किसके प्रति कर्तव्यों
की याद दिला रहा है और क्यों?
उत्तर : कवि ,देश जाति के प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्यों की याद दिला रहा है क्योकि उससे उऋण होना सभी का प्रथम सत्कर्तव्य हैं |
5 देश जाति के प्रति व्यक्ति का
पहला कर्तव्य क्या है और क्यों?
उत्तर : देश जाति के प्रति उऋण होना प्रत्येक व्यक्ति का प्रथम सत्कर्तव्य हैं क्योंकि माँ और मातृभूमि को अपनी परवरिश अर्थात लालन-पालन पर पूरा भरोसा है |
1 खाकर जिसको अन्न में किसका अन्न खाने की बात कवि ने कही है?
खाकर जिसको अन्न में कवि धरती -माता का अन्न की खाने की बात कर रहा है| धरती माता ने हमें पैदा किया और धरती माता ने अपने अन्न से हमारा पोषण किया है|
2. स्धा-सम नीर-समीर पिया है में निहित अलंकार का नाम बताइए।
स्धा-सम नीर-समीर पिया है में उपमा अलंकार है| यहाँ पर मातृभूमि के पानी को अमृत के समान बताया गया है|
उपमा अलंकार में किसी वस्तु की तुलना किसी प्रसिद्ध वस्तु से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है, या जहाँ दो वस्तुओं में समानता का भाव व्यक्त किया जाता है। जब किन्हीं दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकार होता है।
3 कवि ने किसके ऋण से उऋण होने की बात कही है?
देश-जाती का उऋण हमारे ऊपर है| उसी ने हमको पैदा किया है तथा पालपोशकर बड़ा किया है| उसका ऋण चुकाना हमारा कर्तव्य है| कवि ने कविता में देश-जाती की सेवा करने की प्रेरणा दी है|
4 कवि किसे किसके प्रति कर्तव्यों की याद दिला रहा है और क्यों?
कवि देश-जाती की सेवा करने कर प्रति कर्तव्यों की याद दिला रहा है क्योंकि धरती माता ने हमें जीवन दिया है|
5 देश जाति के प्रति व्यक्ति का पहला कर्तव्य क्या है और क्यों?
देश जाति के प्रति व्यक्ति का पहला कर्तव्य उऋण को चुकाना है| क्योंकि धरती माता ने हमें जन्म दिया है और हमारा पालन किया| धरती माता की सेवा और रक्षा करना हमारा कर्तव्य है|