Hindi, asked by prashantsingh132006, 10 months ago

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प्रश्न-3 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मे वाला है जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की
बगैर चश्मे वाली मूर्ति बुरी लगती है। बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो ।
इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेंमों में से एक नेता जी की मूर्ति पर फिट कर देता है
|लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है जैसा मूर्ति पर लगा है तो कैप्टन चश्मे
वाला मूर्ति पर लगा प्रेम संभवतः नेताजी से क्षमा मांगते हुए -लाकर ग्राहक को दे देता है और बाद में नेताजी को
दूसरा फ्रेम लौटा देता है।
1. चश्मे वाला अपने चश्मे कैसे बेचता है ?
2. चश्मे वाला मूर्ति पर चश्मा क्यों लगाता है ?
3. चश्मे वाला मूर्ति का चश्मा बदल क्यों देता है ?
4. चश्मे वाला नेता जी से क्षमा क्यों मांगता है?​

Answers

Answered by Anonymous
3

Answer:

1. चश्मे वाला अपनी दुकान के गिने चुने चश्मे के फ्रेमो को बाहर लगी हुई नेताजी की मूर्ति पर लगा देता था।जिससे लोग मूर्ति पर लगे उस फ्रेम को देखकर वैसे ही फ्रेम खरीदने की मांग करते है।

2. क्योंकि चश्मे वाले को नेताजी की बिना चश्मे की मूर्ति देखकर बुरा लगता है और जिससे वह आहत होता है इसलिए वह मूर्ति पर चश्मा लगा देता है।

3. जब लोग मूर्ति पर लगा हुआ चश्मे का फ्रेम देखते है तो वैसा ही फ्रेम खरीदने की मांग करते है चूंकि वह फ्रेम सिर्फ गिने चुने थे इसलिए चश्मे वाला ग्राहक को वह फ्रेम देने के लिए मूर्ति का वह फ्रेम उतार कर ग्राहक को दे देता है और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम बदल देता है।

4. क्योंकि चश्मे वाले ने नेताजी की मूर्ति को वह फ्रेम प्रेमपूर्वक लगाया था लकी उसके ग्राहक को भी वही फ्रेम चाहये इसलिए वह चश्मे वाला नेताजी से उस फ्रेम को उतारने के लिए क्षमा मांगता है।

Answered by kalluriganeswararao4
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Answer:

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