प्रश्नः-3. 'सत्यमेव जयते' इति ध्येयवाक्यं कस्याम् उपनिषदि? *
O ऐतरेय-उपनिषदि
O माण्डूक्योपनिषदि
O तैत्तिरीय-उपनिषदि
O मुण्डकोपनिषदि
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उचित उत्तरम् विकल्प...
O मुण्डकोपनिषदि
'सत्यमेव जयते' इति ध्येयवाक्यं मुण्डकोपनिषदि ।
‘सत्यमेव जयते’ ये ध्येयवाक्य मुण्डकोपनिषदि से लिया गया है।
ये ध्येय वाक्य मुण्डकोपनिषदि के तृतीय अध्याय के प्रथम खंड के छठे श्लोक से लिया गया है। पूरा श्लोक इस प्रकार है...
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र तत् सत्यस्य परमं निधानम् ॥
भावार्थ ► अर्थात सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नही। यही वह मार्ग है, जिस पर चलकर कामनाओं से तृप्त हुआ व्यक्ति ब्रह्मा रूपी परम पद को प्राप्त करता है।
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