Chemistry, asked by gauravsahu04, 6 months ago

प्रश्न 3. विलयन को परिभाषित कीजिए। कितने प्रकार के विभिन्न विलयन संभव है ?
प्रत्येक प्रकार के विलयन के सम्बन्ध में एक उदाहरण देकर संक्षेप में
लिखिए।
अंक-4 शब्दसीमा 75-100​

Answers

Answered by chauhansatishk
8

विलयन (Solution) – विलयन दो या दो से अधिक अवयवों का समांगी मिश्रण (homogeneous mixture) होता है जिसका संघटन निश्चित परिसीमाओं के अन्तर्गत ही परिवर्तित हो सकता है। यहाँ समांगी मिश्रण से तात्पर्य यह है कि मिश्रण में सभी स्थानों पर इसका संघटन व गुण समान होते हैं। विलयन को बनाने वाले पदार्थ विलयन के अवयव कहलाते हैं। किसी विलयन में उपस्थित अवयवों की कुल संख्या के आधार पर इन्हें द्विअंगी विलयन (दो अवयव), त्रिअंगी विलयन (तीन अवयव), चतुरंगी विलयन (चार अवयव) आदि कहा जाता है। द्विअंगी विलयन के अवयवों को सामान्यत: विलेय तथा विलायक कहा जाता है। सामान्यतः जो अवयव अधिक मात्रा में उपस्थित होता है, वह विलायक कहलाता है, जबकि कम मात्रा में उपस्थित अन्य अवयव विलेय कहलाता है। विलायक विलयन की भौतिक अवस्था निर्धारित करता है जिसमें विलयन विद्यमान होता है। दूसरे शब्दों में विलेय वह पदार्थ है जो घुलता है तथा विलायक वह पदार्थ है जिसमें यह विलेय घुलता है। उदाहरणार्थ– यदि चीनी के कुछ क्रिस्टलों को जल से भरे बीकर में डाला जाता है तो ये जल में घुलकर विलयन बना लेते हैं। इस स्थिति में चीनी विलेय तथा जल विलायक है। विलयन में कणों का आण्विक आकार लगभग 1000 pm होता है तथा इसके विभिन्न अवयवों को किसी भी भौतिक विधि जैसे फिल्टरीकरण, निथारन, अभिकेन्द्रीकरण आदि के द्वारा पृथक्कृत नहीं किया जा सकता है। विलयन के प्रकार (Types of solution) – विलेय तथा विलायक की भौतिक अवस्था के आधार पर विलयनों को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है – उपर्युक्त नौ प्रकार के विलयनों में से तीन विलयन- द्रव में ठोस, द्रव में गैस तथा द्रव में द्रव अतिसामान्य विलयन हैं। इन तीनों प्रकार के विलयनों में द्रव विलायक के रूप में होता है। वे विलयन जिनमें जल विलायक के रूप में होता है, जलीय विलयन (aqueous solution) कहलाते हैं, जबकि जिन विलयनों में जल विलायक के रूप में नहीं होता अजलीय विलयन (non-aqueous solution) कहलाते हैं। सामान्य अजलीय विलायकों के उदाहरण हैं- ईथर, बेन्जीन, कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि। विलयन के प्रकारों की व्याख्या निम्नलिखित है – (1) गैसीय विलयन (Gaseous solutions) – सभी गैसें तथा वाष्प समांगी मिश्रण बनाती हैं तथा इसीलिए इन्हें विलयन कहा जाता है। ये विलयन स्वत: तथा तीव्रता से बनते हैं। वायु गैसीय विलयन का एक सामान्य उदाहरण है। (2) द्रव विलयन (Liquid solutions) – ये विलयन ठोसों अथवा गैसों को द्रवों में मिश्रित करने पर अथवा दो द्रवों को मिश्रित करने पर बनते हैं। कुछ ठोस पदार्थ भी मिश्रित करने पर द्रव विलयन बनाते हैं। उदाहरणार्थ- साधारण ताप पर सोडियम तथा पोटैशियम धातुओं की सममोलर मात्राएँ मिश्रित करने पर द्रव विलयन प्राप्त होता है। जल में पर्याप्त मात्रा में विलेय ऑक्सीजन तालाबों, नदियों तथा समुद्र में जलीय जीवों की प्राण-रक्षा करती है। इन विलयनों में द्रव में द्रव विलयन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। गैसों के समान द्रव मिश्रित किए जाने पर समांगी मिश्रण नहीं बनाते हैं। इनकी विलेयताओं के आधार पर इन मिश्रणों को तीन प्रकारों में बाँटा जा सकता है – 1. जब दोनों अवयव पूर्णतया मिश्रणीय हों (When both components are completely miscible) – इस स्थिति में दोनों द्रव समान प्रवृत्ति के होते हैं अर्थात् या तो ये दोनों ध्रुवी (जैसे-एथिल ऐल्कोहॉल तथा जल) होते हैं या अध्रुवी (जैसे—बेन्जीन तथा हेक्सेन) होते हैं। 2. जब दोनों अवयव लगभग मिश्रणीय हों (When both components are almost miscible) – यहाँ एक द्रव ध्रुवी तथा दूसरा अध्रुवी प्रकृति का होता है; जैसे-बेन्जीन तथा जल, तेल तथा जल आदि। 3. जब दोनों अवयव आंशिक मिश्रणीय हों (When both components are partially miscible) – यदि द्रव A में अन्तरअणुक आकर्षण A-A, द्रव B में अन्तरअणुक आकर्षण B-B से भिन्न हो, परन्तु A-B आकर्षण माध्यमिक कोटि का हो, तब दोनों द्रव परस्पर सीमित मिश्रणीय होते हैं। उदाहरणार्थ-ईथर तथा जल आंशिक रूप से मिश्रित होते हैं। (3) ठोस विलयन (Solid solutions) – ठोसों के मिश्रणों की स्थिति में ये विलयन अत्यन्त सामान्य होते हैं। उदाहरणार्थ- गोल्ड तथा कॉपर ठोस विलयन बनाते हैं; क्योंकि गोल्ड परमाणु कॉपर क्रिस्टल में कॉपर परमाणुओं को प्रतिस्थापित कर देते हैं तथा इसी प्रकार कॉपर परमाणु गोल्ड क्रिस्टलों में गोल्ड परमाणुओं को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। दो अथवा दो से अधिक धातुओं की मिश्रधातुएँ ठोस विलयन होती हैं। ठोस विलयनों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है – 1. प्रतिस्थापनीय ठोस विलयन (Substitutional solid solutions) – इन विलयनों में एक पदार्थ के परमाणु, अणु अथवा आयन क्रिस्टल जालक में अन्य पदार्थ के कणों का स्थान ले लेते हैं। पीतल, कॉपर तथा जिंक प्रतिस्थापनीय ठोस विलयनों के सामान्य उदाहरण हैं। 2. अन्तराकाशी ठोस विलयन (Interstitial solid solutions) – इन विलयनों में एक प्रकार के परमाणु अन्य पदार्थ के परमाणुओं के जालक में विद्यमान रिक्तिकाओं अथवा अन्तराकाशों के स्थान को ग्रहण कर लेते हैं। अन्तराकाशी ठोस विलयन का एक सामान्य उदाहरण टंगस्टन-कार्बाइड (WC) है।

Answered by sachchidanandprajapa
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Explanation:

दो या दो से अधिक पदार्थों को मिलाने पर प्राप्त मिश्रण यदि समांगी (homogeneous) होता है तो यह मिश्रण विलयन कहलाता है। जैसे- चीनी शर्बत, पीतल (Cu व Zn का समांगी मिश्रण) आदि। समांगी मिश्रण में प्रत्येक भाग समान संरचना या संघटन (composition) रखता है।

द्विअंगी विलयन– यह दो पदार्थों का समांगी मिश्रण (homogeneous mixture) होता है।

त्रिअंगी विलयन- यह तीन अवयवों (component) का समांगी मिश्रण होता है।

विलेय– समान भौतिक अवस्था (physical state) वाले दो अवयवों से बने विलयन (solution) में वह अवयव कम मात्रा में होता है विलेय कहलाता है।

विलायक– समान भौतिक अवस्था वाले दो अवयवों से बने विलयन में वह अवयव जो अधिक मात्रा में होता है अथवा भिन्न भौतिक अवस्था (physical state) वाले दो अवयवों से बने विलयन में विलयन के समान प्रावस्था (phase) रखने वाला अवयव विलायक कहलाता है।

विलयन क्या है व प्रकार (12th, Chemistry, Lesson-2)

भौतिक अवस्था के आधार पर विलयन के प्रकार

भौतिक अवस्था (physical state) के आधार पर विलयन तीन प्रकार के होते हैं गैसीय, द्रव, ठोस।

गैसीय विलयन

जब किसी विलयन को गैसीय अवस्था में प्राप्त किया जाता है तो यह गैसीय विलयन कहलाता है। इस प्रकार का विलयन गैस में गैस, द्रव वाष्प या ठोस वाष्प को घोलकर बनाया जाता है।

द्रव विलयन

जब किसी विलयन को द्रव अवस्था में प्राप्त किया जाता है तो यह द्रव विलयन कहलता है। इस प्रकार का विलयन द्रव में गैस, द्रव या ठोस को घोलकर बनाया जाता है।

ठोस विलयन

जब किसी विलयन को ठोस अवस्था (solid state) में प्राप्त किया जाता है तो यह ठोस विलयन कहलाता है। इस प्रकार का विलयन (solution) ठोस में ठोस, द्रव या गैस को घोलकर बनाया जाता है। उपयुक्त तीन प्रकार के विलयन (solution) पुनः नौ भागों में वर्गीकृत किये जा सकते हैं। ये उदाहरण सहित सारणी (chart) में दिये गये है।

विलयनों के प्रकार विलेय विलायक सामान्य उदाहरण

गैसीय विलयन (gaseous solution) गैस गैस गैसों के मिश्रण,(Mixture), वायु आदि।

द्रव गैस वायु में जलवाष्प, क्लोरोफॉर्म (CHCl₃) को नाइट्रोजन (N) गैस में मिश्रण करना।

ठोस गैस कपूर अथवा नैफ्थेलीन (C₁₀H₈) के वाष्पन से उत्पन्न ठोस का गैस में विलयन।

द्रव विलयन (fluid solution) गैस द्रव जल में घुली O₂, सोडावाटर।

द्रव द्रव ऐल्कोहाल का जल में विलयन।

गैस द्रव शर्करा काजल में विलयन।

ठोस विलयन गैस ठोस हाइड्रोजन (H) का पैलेडियम (Pd) में अधिशोषण।

द्रव ठोस पारे का सोडियम के साथ अमलगम।

ठोस ठोस तांबे में जिंक का बिलयन (पीतल)।

सांद्रता के आधार पर विलयनों के प्रकार

सांद्रता (concentrations) के आधार पर विलयन (solution) पांच प्रकार के होते हैं, तनु, सांद्र, संतृप्त, असंतृप्त, अतिसंतृप्त।

तनु विलयन

जिस विलयन में विलेय (soluble) की मात्रा विलायक की अपेक्षा बहुत कम होती है, उसे तनु विलयन (week solution) कहते हैं। तनु विलयन का प्रमुख गुण यह है कि इसमें विलायक (solvent) की और मात्रा मिलाने पर उसमें ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होता है, जबकि साधारण विलयनों में होता है। इसके अतिरिक्त ये राउल्ट के नियम (roulette’s law) से यह सबसे कम विचलन दर्शाते हैं। तनु विलयन आदर्श विलयन (ideal solution) की भांति व्यवहार (behavior) करते हैं।

सांद्र विलयन

वे विलयन जिनमें विलेय (soluble) की मात्रा अपेक्षाक्रत अधिक होती है, सांद्र विलयन (concentrated solution) कहलाता है।

संतृप्त विलयन

वह विलयन जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय कि और अधिक मात्रा नहीं घोली जा सकती, संतृप्त विलयन (saturated solution) कहलाता है।

असंतृप्त विलयन

वह विलयन जिसमें विलेय की और अधिक मात्रा घोली (mix) जा सकती है, असंतृप्त विलयन (unsaturated solution) कहलाता है। तनु और सांद्र विलयन इस श्रेणी में आते हैं।

अतिसंतृप्त विलयन

वह विलयन जिसमें विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्त विलयन (saturated solution) की अपेक्षा अधिक होती है, अतिसंतृप्त विलयन (saturated solution) कहलाता है।

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