प्रश्न 30. 'आज छलका रही है पावस-रानी'-
कवि ने इससे क्या भाव व्यक्त किया है?
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उत्तर-वर्षा-ऋतु को लेकर कवि ने यह भाव व्यक्त किया है कि काल में प्रकृति रूपी नायिका अपना श्ृंगार करने लगती है। वर्षां या पावस रानी अब अपनी पायलों को बजाती हुई, धीरे धीरे कदम बढ़ाती हुई आ है। वह बूँदा-बूँदियों की छम-छम ध्वनि करती हुई ऐसी लगती है कि मात पायल बजाती हुई आगे बढ़ रही है । इससे सारा प्राकृतिक वातावरण शुपन्ट मनभावन बन जाता है।
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