प्रश्न 33. वाहित मल का सही निपटान क्यों आवश्यक है?
प्रश्न 34. मानव-पाचन तंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
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सामाजिक विज्ञान
प्रश्न 35 से प्रश्न 38 के सही उत्तर चुन कर लिखिए -
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 35, मध्यकालीन इतिहासकर अलबरूनी ने निम्न में से किस पुस्तक की रचना की है? ?
a. चचनामा
b. तहकीक-ए-हिन्द C.ताज-उल-मासिर d, मसनवी
प्रश्न 36. चतरा जिला के ईटखोरी से प्राप्त एक शिलालेख से पता चलता है कि मध्यकाल में इस क्षेत्र में गुर्जर प्रतिहार
वंश का शासन था, उस शिलालेख का संबंध किस शासक से है?
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a. महेंद्रपाल
b. हरिचन्द्र
C. कृष्ण ॥
d. धर्मपाल
प्रश्न 37. भारत में लोकसभा एवं विधानसभा में किसी भी योग्य भारतीय नागरिक को मतदान (वोट) का अधिकार कितनी
वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मिलता है?
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a.15
b.18
c.21
d.24
प्रश्न 38. पृथ्वी की आंतरिक संरचना से संबंधित दिए गए चित्र में उस परत की पहचान करें, जिसमें लोहा अधिक मात्रा
में पाया जाता है।
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a. भू पर्पटी
C. सीमा
b. सियाल
d. निफे
Answers
Answer:
33) वाहित मल द्रवरूपी अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो जल और मृदा का प्रदूषण करता है। - अपशिष्ट जल को वाहित मल उपचार संयंत्र में उपचारित किया जाता है। . उपचार संयंत्र अपशिष्ट जल को किसी निश्चित स्तर तक प्रदूषकों से मुक्त कर देते हैं, ताकि प्राकृतिक प्रक्रमों द्वारा उसमें शेष रह गए प्रदूषकों का निपटान हो सके।
34) मानव के पाचन तंत्र में एक आहार-नाल और सहयोगी ग्रंथियाँ (यकृत, अग्न्याशय आदि
आहार-नाल, मुखगुहा, ग्रसनी, ग्रसिका, आमाशय, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय और मलद्वार से बनी होती है। सहायक पाचन ग्रंथियों में लार ग्रंथि, यकृत, पित्ताशय और अग्नाशय हैं।
35) अलबरूनी ने 1030 ई. में किताब-उल- हिंन्द (भारत के दिन) नामक किताब की रचना की थी। इसकी मृत्यु गजनी (अफगानिस्तान) में हुई। भारत के प्रमुख क्षेत्रों की यात्रा कर अरबी भाषा में अपने ग्रंथ किताब-उल-हिन्द (तहकीक-ए-हिन्द) की रचना की।
36) चतरा पहले हजारीबाग जिले का उपखंड था. 29 मई 1991 को इसे जिला घोषित किया गया. यह सीट राजद का गढ़ रही है. लेकिन 2014 का चुनाव बीजेपी के सुनील कुमार सिंह और जय प्रकाश भोक्ता जीते. सिंह सांसद बने और भोक्ता विधायक.
37) मतदान करना हर उस नागरिक का मौलिक कर्तव्य भी है जिसकी उम्र 18 साल या इससे अधिक है. आज अगर देश के किसी इलाके में 60% मतदान हो जाता है तो चुनाव आयोग इसे बड़ी उपलब्धि मानता है.
38) पृथ्वी की आतंरिक संरचना शल्कीय (अर्थात परतों के रूप में) है, जैसे प्याज के छिलके परतों के रूप में होते हैं। इन परतों की मोटाई का सीमांकन रासायनिक अथवा यांत्रिक विशेषताओं के आधार पर किया जा सकता है।
पृथ्वी की आतंरिक संरचना
पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत भूपर्पटी एक ठोस परत है, मध्यवर्ती मैंटल अत्यधिक गाढ़ी परत है और बाह्य क्रोड तरल तथा आतंरिक क्रोड ठोस अवस्था में है।
पृथ्वी की आतंरिक संरचना के बारे में जानकारी के स्रोतों को दो हिस्सों में विभक्त किया जा सकता है। प्रत्यक्ष स्रोत, जैसे ज्वालामुखी से निकले पदार्थो का अध्ययन, समुद्रतलीय छेदन से प्राप्त आंकड़े इत्यादि, कम गहराई तक ही जानकारी उपलब्ध करा पाते हैं। दूसरी ओर अप्रत्यक्ष स्रोत के रूप में भूकम्पीय तरंगों का अध्ययन अधिक गहराई की विशेषताओं के बारे में जानकारी देता है।
Explanation:
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Answer:
मामोणी कुमारी
Explanation:
6202265298