प्रश्न 4 कवि का “ आत्म- प्रलय” कब होता है?
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कवि का आतम पलय कब होता है|
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कवि का आत्म प्रलय वर्षा के आगमन पर प्रकृति का सौंदर्य देखकर होता है।
- कवि राम नरेश त्रिपाठी " पथिक " कविता के माध्यम से कहता है कि प्रकृति के कारण इस सृष्टि में वर्षा होती है व वन, उपवन, पहाड़ व समुद्र सभी पर मेघ बरसते है सभी मंत्र मुग्ध है।
- यह दृश्य कवि को भी भावुक कर देता है व उसके हृदय में उथल पुथल होने लगती है आंखो से आंसू निकलते हैं इसे कवि आत्म प्रलय कहते है।
- कवि कहते है कि प्रकृति की यह प्रेम कहानी मधुर है व इसे सभी को पढ़ना चाहिए।
- कवि स्वयं को पथिक कहता है व चाहता है कि यह पथिक इस प्रेम कहानी का अक्षर बन जाए।
- कवि के अनुसार यहां की शांति बहुत सुख देती है व यहां प्रेम का राज्य है।
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