Hindi, asked by rishika2048, 8 months ago

प्रश्न. 4 द्यूत- क्रीडा के जो दुष्परिणाम पांडवों को भुगतने पड़े उनका संक्षेप में वर्णन कीजिए।

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Answered by shishir303
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द्यूत क्रीड़ा के पश्चात पांडवों को इसके अनेक दुष्परिणाम भुगतने पड़े। द्युत क्रीड़ा में अपना सब कुछ हारने के बाद पांडवों को दुर्योधन की शर्त के अनुसार बारह वर्षों का वनवास तथा एक वर्ष का अज्ञातवास भुगतना पड़ा।

अज्ञातवास की शर्त भी यही थी कि यदि पांडव अज्ञातवास में पांडवों को किसी ने उन्हें पहचान लिया तो पुनः उन्हें 12 वर्ष का वनवास भुगतना पड़ेगा। इस तरह पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास भुगतना पड़ा और उन्हें दर-दर वन में भटकना पड़ा तथा अनेक कष्टों को सहना पड़ा। पांचो पांडव और द्रौपदी इन कष्टों को सहते रहे। अपनी वनवास और अज्ञातवास की अवधि पूरा करने के बाद भी दुर्योधन उन्हें उनका राज्य लौटाने के लिए राजी नही हुआ और इसके परिणाम स्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ।

द्यूत क्रीड़ा के खेल दुर्योधन द्वारा रचा गया एक षड्यंत्र था। जब इंद्रप्रस्थ की स्थापना के बाद युधिस्टर सफलतापूर्वक इंद्रप्रस्थ पर अपने भाइयों समेत शासन कर रहे थे और उन्होंने राजसूय यज्ञ का आयोजन किया तो दुर्योधन यह सब देख कर ईर्ष्या से जल उठा। दुर्योधन ने पांडवों को से उनका राज्य हड़पने की चाल सोची, लेकिन छल कपट का सहारा बिना वह पांडवों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता था, इसलिए उसने और उसके मामा शकुनि ने पांडवों पांडवों को द्यूत क्रीड़ा के लिए आमंत्रित किया।

युधिष्ठिर को चौरस के खेल यानि द्यूत क्रीड़ा में अत्याधिक रुचि थी, लेकिन राजसूय यज्ञ करने के बाद वह पासे को न छूने का संकल्प ले चुके थे। दुर्योधन द्वारा चुनौती देने पर क्षत्रिय होने के नाते उन्होंने चुनौती को स्वीकार कर लिया है। यद्यपि वे द्ययूत क्रीड़ा में अत्याधिक निपुण थे, लेकिन शकुनी में छल-कपट में माहिर था और दुर्योधन की तरफ से शकुनि ने पासे फेंके। इस तरह दुर्योधन ने शकुनि के छल-कपट के द्वारा धीरे धीरे युधिष्ठिर को हरा दिया और युधिष्ठिर एक-एक करके अपना राजपाट, धन-संपत्ति दांव पर लगाते गए और हारते गये। अंत में उन्होंने एक-एक करके अपने चारों भाइयों को तथा स्वयं दांव पर लगा दिया और हार गये। जब कुछ न बचा तो उन्होंने द्रौपदी को भी दांव पर लगा दिया और उसे भी हार गये।

इस तरह अपना सब कुछ गवांने के बाद उन्हें दुर्योधन द्वारा रखी गई वनवास और अज्ञातवास की शर्तों को पूरा करना पड़ा। उसी के परिणाम स्वरूप महाभारत युद्ध हुआ।

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Answered by yanabahayana
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Explanation:

pandavo ko kai dush parinam sehne pade unhone apna sab kuch kho diya rajy, ghore , rath , daulat aur khud bhi daas ban gaye dropadi ka vastr haran bhi hua

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