प्रश्न 5.
1919 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा विषयों को किस प्रकार बाँटा गया?
Answers
Explanation:
भारत शासन अधिनियम, 1919
भारत शासन अधिनियम, 1919 20 अगस्त, 1917 को ब्रिटिश सरकार ने पहली बार घोषित किया कि उसका उद्देश्य भारत में क्रमिक रूप से उत्तरदायी सरकार की स्थापना करना था। न क्रमिक रूप से 1919 में भारत शासन अधिनियम बनाया गया, जो 1921 से लागू हुआ। इस कानून को मांटेग-चेम्सफोर्ड में सुधार भी कहा जाता है (मांटेग भारत के राज्य सचिव थे, जबकि न चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे)।
अधिनियम की विशेषताएं :-
1. केंद्रीय और प्रांतीय विषयों की सूची की पहचान कर एवं उन्हें पृथक् कर राज्यों पर केंद्रीय नियंत्रण कम किया गया। केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों को अपनी सचियों के विषयों पर विधान बनाने का अधिकार प्रदान किया गया। लेकिन सरकार का ढांचा केंद्रीय और एकात्मक ही बना।रहा।
2. इसने प्रांतीय विषयों को पुन: दो भागों में विभक्त किया- हस्तांतरित और आरक्षित हस्तांतरित विषयों पर गवर्नर का शासन होता था और इस कार्य में वह उन मंत्रियों की सहायता लेता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी थे। दूसरी ओर आरक्षित विषयों पर गवर्नर कार्यपालिका परिषद की सहायता से शासन करता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। शासन की इस दोहरी व्यवस्था को द्वैध (यूनानी शब्द डाई-आर्की से व्युत्पन्न) शासन व्यवस्था कह गया। हालांकि यह व्यवस्था काफी हद तक असफल ही रही।
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