प्रश्न 5.
भारतीय इतिहास का गौरव बढ़ाने में चक्रपाणि मिश्र के योगदान का वर्णन कीजिए।
Answers
‘चक्रपाणि मिश्र’ महाराणा प्रताप के दरबारी पंडित थे। वह एक उच्च कोटि के विद्वान थे। उन्होंने अपने ग्रंथों के माध्यम से पर्यावरण और कृषि संबंधी परिस्थितियों की विवेचना की है और बहुत सारी समस्याओं का निराकरण प्रस्तुत किया है। शिल्पशास्त्रीय ग्रंथों के रचयिताओं में ‘चक्रपाणि मिश्र’ का स्थान सबसे ऊंचा है।
‘चक्रपाणि मिश्र’ ने अपने ग्रंथ में भूमि में स्थित जल का पता बताने वाले ‘हरवा’ का भी उल्लेख किया है, जिसका उपयोग भारत के किसान बहुत पहले से करते आ रहे हैं। इस पद्धति में से भूमि में जल की उपलब्धता की गहराई और दिशा का पता चलता है।
‘चक्रपाणि मिश्र’ ने जल के संसाधनों के विकास पर भी प्रकाश डाला है और जल संचयन पर जोर दिया है। चक्रपाणि मिश्र बहुत अच्छे वनस्पति शास्त्री भी थे और उन्होंने विभिन्न वृक्षों की प्रकृति व उनके औषधीय गुण-धर्मों के बारे में भी विवेचन किया है।
‘चक्रपाणि मिश्र’ ने कुल चार ग्रंथों की रचना की थी। उनके ग्रंथों के नाम इस प्रकार हैं...
- विश्व वल्लभ
- मुहूर्त माला
- व्यवहार दर्श
- राज्याभिषेक पद्धति