प्रश्न 5. चलावयवता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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कार्बनिक यौगिकों के उन संरचनात्मक समावयवों को चलावयव (Tautomers) कहते हैं जो आसानी से परस्पर परिवर्तित हो जाते हैं। 1), 2), 3) इस क्रिया में अधिकतर प्रोटॉन का पुनर्विन्यास होता है। यद्यपि यह एक जटिल कॉन्सेप्ट है किन्तु चलावयवता अमीनो अम्लों एवं न्युक्लिक अम्लों]] के सन्दर्भ में बहुत महत्व रखती है क्योंकि दोनों ही जीवन के मूलभूत निर्माण-इकाई हैं। एक दूसरे प्रकार की समावयवता को चल समावयवता, या चलावयवता (Dynamic Isomerism or Tautomerism) 4) कहते हैं। यह यौगिकों में किसी तत्व के, विशेषत: हाइड्रोजन के, एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण से होती है। इसका अच्छा उदाहरण कीटो-इनोल-समावयवता है, जिसमें एक ही पदार्थ कभी कीटोन सा व्यवहार करता है और कभी इनोल सा। यहाँ एक समावयवी का दूसरे समावयवी में परिवर्तन केवल विलयाकों में घुलाने से, अथवा किसी उत्प्रेरक की उपस्थिति से ही संपन्न होता है। ऐसी ही समावयवता के कारण शर्कराओं का परिवर्ती घूर्णन होता है