प्रश्न 5.
प्राचीन काल में भारत में मन्दिर स्वर्ण जड़ित बनाये जाते थे क्योंकि-
(अ) उस समय यह परम्परा प्रचलित थी।
(ब) भारत के व्यापारी विदेशों में माल बेचकर स्वर्ण व स्वर्ण मुद्राएँ लेकर आते थे
(स) भक्तों को स्वर्ण मन्दिर प्रिय थे
(द) स्वर्ण मन्दिर दिखने में सुन्दर लगते थे।
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इस प्रश्न का सही उत्तर है विकल्प...
(ब) भारत के व्यापारी विदेशों में माल बेचकर स्वर्ण b स्वर्ण मुद्राएं लेकर आते थे
प्राचीन काल में भारत व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था और उस समय विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था था। भारत में निर्मित हर चीज उत्कृष्ट कोटि की होती थी। विदेशों में इसकी बहुत मांग थी, इसके लिए भारत का निर्यात व्यापार बहुत अधिक था। भारत के व्यापारी दूर-दूर देशों में जाते अपना माल बेच कर आते और बदले में स्वर्ण मुद्राएं लेकर आते थे। इस कारण उनके पास स्वर्ण मुद्राओं की बहुतायत हो जाती थी और वह इसका उपयोग मंदिरों को सजाने संवारने में करते थे। प्राचीन भारत में व्यापारी धार्मिक प्रवृत्ति के भी होते थे। वे धर्म-कर्म के कार्यों में भी उतना ही बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे, जितना कि अपने व्यापार में। व्यापार से कमाई धनराशि को धर्म-कर्म के कार्यों में अच्छी तरह से खर्च करते थे। इसमें मंदिरों के निर्माण प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसी कारण प्राचीन प्राचीन काल के बने अनेक मंदिर भव्य है, और उन्हें विशाल मात्रा में स्वर्ण और अन्य कीमती रत्नों का उपयोग हुआ है। भारतीय मंदिरों की यही भव्यता विदेशी आक्रमणकारियों को भारत को लूटने के लिये यहाँ खींच लाई।
(ब) भारत के व्यापारी विदेशों में माल बेचकर स्वर्ण व स्वर्ण मुद्राएँ लेकर आते थे