प्रश्न 5.
धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार से क्या आशय है?
उत्तर
धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार-
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Answer:
संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक मूल अधिकारों का विवरण है। इस संबंध में संविधान निर्माता अमेरिकी संविधान (यानि अधिकार के विधेयक से) से प्रभावित रहे।
Explanation:
धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार:-
- अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 25 के अनुसार सभी व्यक्तियों को अंत:करण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान हक होगा। इसके प्रभाव हैं:
- अंत:करण की स्वतंत्रता: किसी भी व्यक्ति को
- भगवान या उसके रूपों के साथ अपने ढंग से
- अपने संबंध को बनाने की आंतरिक स्वतंत्रता।
- मानने का अधिकारः अपने धार्मिक विश्वास और
- आस्था की सार्वजनिक और बिना भय के घोषणा
- करने का अधिकार।
- आचरण का अधिकारः धार्मिक पूजा, परंपरा.
- समारोह करने और अपनी आस्था और विचारों
- के प्रदर्शन की स्वतंत्रता।
- प्रसार का अधिकार: अपनी धार्मिक आस्थाओं का अन्य को प्रचार और प्रसार करना या अपने धर्म के सिद्धांतों को प्रकट करना। परन्तु इसमें किसी व्यक्ति को अपने धर्म में धर्मांतरित करने का अधिकार सम्मिलित नहीं है। जबरदस्ती किया गया धर्मांतरण सभी समान व्यक्तियों के लिए सुनिश्चित अंत:करण की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता है।
उपरोक्त प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि अनुच्छेद 25 केवल धार्मिक विश्वास को ही नहीं, बल्कि धार्मिक आचरणों को समाहित करता है। यह अधिकार सभी व्यक्तियों नागरिको एव गैर-नागरिकों सबके लिए उपलब्ध हैं।
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@GauravSaxena01
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