प्रश्न-6
अपूर्ण कहानी पूर्ण कीजिए।
रोहित का जहाज़ तूफान में फंस जाता है और हवा के वेग से बहता-बहता एक अनजान द्वी
द्वीप पर पहुँच जाता है । वह द्वीप सुनसान और प्राणी रहित लगता है परंतु जैसे-जैसे रात बढ़ती है
रोहित और उसके साथी स्वयं को अनजान लोगों से घिरा हुआ पाते हैं | फिर क्या हुआ होगा ?...
न-7
सचना अनसार लरटीना
Answers
Answer:
जब हमने उन्हें देखा तो हमें पता चला की वह आदिवासी है फिर हमने उनसे बात करने की कोशिश की पर न वह हमारी बात समझ रहे थे न ही हम उनकी बात.थोड़ी देर में मैं हमारी किसी एक मित्र ने उनसे इशारों में बात करने की करने की कोशिश की और वह आदिवासी लोग ने भी हमें इशारों में उत्तर दिया.फिर हमने उन्हें शहरों में समझाया कि तूफान की वजह से हम यहाँ आ गए हैं और जो हमारे पास खाना था वह भी तूफान में कहीं गिर गया .उसके बाद आदिवासी लोग हम सब को उनके के घर ले गए और वहां पर उन्होंने हमें खाने दिया और सोने के लिए विस्तार दिए.हमारी रात किसी तरह से निकली सुबह होते ही आदिवासियों ने मदद की हमारे जहाज को ठीक करने में पुरे दिन की मेहनत के बाद आखिरकार हमने अपना जहाज ठीक कर लिया था जहाज़ ठीक होने के बाद हमने आदिवासियों से इजाज़त ली वहां से निकलने के लिए और उन्हें धन्यवाद कहा फिर वहां से हम अपने जहाज पर सवार होकर अपने घर की तरफ निकल लिए
Answer:
जब हमने उन्हें देखा तो हमें पता चला की वह आदिवासी है फिर हमने उनसे बात करने की कोशिश की पर न वह हमारी बात समझ रहे थे न ही हम उनकी बात.थोड़ी देर में मैं हमारी किसी एक मित्र ने उनसे इशारों में बात करने की करने की कोशिश की और वह आदिवासी लोग ने भी हमें इशारों में उत्तर दिया.फिर हमने उन्हें शहरों में समझाया कि तूफान की वजह से हम यहाँ आ गए हैं और जो हमारे पास खाना था वह भी तूफान में कहीं गिर गया .उसके बाद आदिवासी लोग हम सब को उनके के घर ले गए और वहां पर उन्होंने हमें खाने दिया और सोने के लिए विस्तार दिए.हमारी रात किसी तरह से निकली सुबह होते ही आदिवासियों ने मदद की हमारे जहाज को ठीक करने में पुरे दिन की मेहनत के बाद आखिरकार हमने अपना जहाज ठीक कर लिया था जहाज़ ठीक होने के बाद हमने आदिवासियों से इजाज़त ली वहां से निकलने के लिए और उन्हें धन्यवाद कहा फिर वहां से हम अपने जहाज पर सवार होकर अपने घर की तरफ निकल लिए