प्रश्न 7.
राष्ट्रीय आन्दोलन में स्वातन्त्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के योगदान का वर्णन कीजिए।
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राष्ट्रीय आंदोलन में स्वतंत्र वीर विनायक दामोदर सावरकर का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। विनायक दामोदर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले के भंगुर गांव में 28 मई 1883 को हुआ था। अपनी प्राथमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा भारत में हासिल करने के बाद सावरकर उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए इंग्लैंड चले गए। सावरकर के एक प्रखर राष्ट्रवादी थे, उन्होंने लंदन में वह अनेक तरह की क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरु कर दिया। उन्होंने इंडिया हाउस को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया। उन्होंने वहीं पर 1857 में ‘स्वातंत्र्य समर’ नामक एक क्रांतिकारी विचारों से ओत-प्रोत पुस्तक भी लिखी।
उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण लंदन की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें बंबई भेज दिया। रास्ते में वो जहाज से समुद्र में कूद गये और फ्रांस की सीमा पर पहुंच गए। लेकिन वहां पर पकड़ लिए गए और फ्रांस के प्रशासन ने उन्हें अंग्रेजों को सौंप दिया। ब्रिटिश सरकार ने उन पर मुकदमा चलाया और उन्हें काले पानी की सजा दी और उन्हें काले पानी की सजा काटने हेतु अंडमान निकोबार भेज दिया। उन्होंने लगभग 11 साल तक अंडमान निकोबार की जेल में काले पानी की कठोर यातनापूर्ण सजा काटी। सजा काटने के बाद लौटने पर उन्हें रत्नागिरी में नजरबंद कर दिया गया। उन्हें 1937 में मुक्ति मिली। फिर वो बंबई चले गये और अपने जीवनपर्यंत वहीं रहे। वो एक प्रखर राष्ट्रवादी और हिंदूवादी नेता थे। उन्होंने 1947 में भारत के विभाजन के विरोध किया और वो अखंड भारत के पक्षधर थे।
26 फरवरी 1966 को उनकी बंबई में मृत्यु हो गयी।