प्रश्न 9.
बिजौलिया किसान आन्दोलन क्यों और किसके नेतृत्व में हुआ?
Answers
बिजौलिया किसान आंदोलन मेवाड़ रियासत का एक किसान आंदोलन था। जिसे जाट किसान आंदोलन भी कहा जाता है। यह आंदोलन 1897 में साधु सीताराम दास के नेतृत्व में हुआ था। उस समय बिजोलिया के ठिकानेदार राव कृष्ण सिंह और महाराणा फतेह सिंह थे। इन लोगों ने किसानों के ऊपर अनेक तरह के कर लगा रखे थे। बिजोलिया के किसानों को 84 तरह के कर देने पड़ते थे। अतः साधु सीताराम दास के नेतृत्व में किसानों ने करों का विरोध करना आरंभ किया। 1916 में विजय सिंह पथिक और माणिक वर्मा ने साधु सीताराम तथा रामनारायण चौधरी के आग्रह पर बिजोलिया के किसान आंदोलन को नेतृत्व देना स्वीकार कर लिया। बिजोलिया किसान आंदोलन के दौरान विजय सिंह पथिक पर सरकार ने अनेक प्रतिबंध लगा दिए जिसके कारण 1927 में वे इस आंदोलन से अलग हो गए और आंदोलन का नेतृत्व सेठ जमानलाल बजाज एवं हरिभाऊ उपाध्याय के हाथ में आ गया। इस आंदोलन के अंत में माणिकलाल वर्मा, हरिभाऊ उपाध्याय तथा जमुनालाल बजाज ने किसान आंदोलन को प्रदान किया।
सन 1941 में बिजोलिया के जागीरदार को किसानों की मांगे माननी पड़ीं और सारे कर माफ करके उनकी जमीने वापस करनी पड़ीं। यह आंदोलन लगभग 44 साल तक चला था और अंत में सफल रहा था। ये आंदोलन भारत का पहला व्यापक और शक्तिशाली किसान आंदोलन था।