Hindi, asked by manngungtechi18, 7 months ago

प्रश्न 9. 'दोपहर का भोजन' कहानी का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।

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Answered by niturai167
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Answer:

दोपहर का भोजन कहानी की मूल संवेदना अमरकान्त की कहानी 'दोपहर का भोजन' में निम्न मध्यवर्गीय परिवार की आर्थिक तंगी, भुखमरी, बेकारी का मार्मिक चित्रण किया है। ... उनके परिवार में उनकी पत्नी सिद्धेश्वरी तथा तीन लड़के रामचन्द्र, मोहन और प्रमोद क्रमशः इक्कीस, अठारह और छः वर्ष के थे।

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