प्रश्न-(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
अथवा
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिये।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
(स) लेखक के अनुसार किन्नर और यक्ष कहाँ वास करते होंगे?
२. पर उस एक क्षण के हिम-दर्शन ने हममें जाने क्या भर दिया था। सारी खिन्नता, निराशा, थकावट-सब छूमतर
हो गयी। हम सब आकुल हो उठे। अभी ये बादल छंट जायेंगे और फिर हिमालय हमारे सामने खड़ा
होगा-निरावृत्त असीम सौन्दर्य-राशि हमारे सामने अभी-अभी अपना चूँघट धीरे से खिसका देगी
और और तब? सचमुच मेरा दिल बुरी तरह धड़क रहा था। शुक्लजी शान्त थे, केवल मेरी ओर देखकर
कभी-कभी मुस्कुरा देते थे, जिसका अभिप्राय था, इतने अधीर थे, कौसानी आयी भी नहीं और मुँह लटका
लिया। अब समझे यहाँ का जादू। डाक-बँगले के खानसामे ने बताया, "आप लोग बड़े खुसकिस्मत हैं
साहब। १४ टूरिस्ट आकर हफ्तों भर पड़े रहे, बर्फ नहीं दिखी। आज तो आप के आते ही आसार खुलने के
हो रहे हैं।"
उपर्युक्त गद्यांश पर आधारित प्रश्न-
प्रश्न-(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
अथवा
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिये।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
(स) डाक-बँगले के खानसामे ने पर्यटकों से क्या कहा?
Answers
उपर्युक्त गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं...
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
➲ उपर्युक्त गद्यांश ‘डॉ. धर्मवीर भारती’ द्वारा लिखित ‘ठेले पर हिमालय’ नामक निबंध से लिया गया है, जोकि एक यात्रा वृतांत है। ये यात्रा-वृतांत व्यग्यात्मक शैली में लिखा गया है।
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिये।
➲ गद्यांश के पाठ का नाम ‘ठेले पर हिमालय’ है, जिसके लेखक ‘डॉ. धर्मवीर भारती’ हैं।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
➲ रेखांकित अंश स्पष्ट नही है इसलिये प्रथम पंक्ति की व्याख्या इस प्रकार है...
व्याख्या : लेखक कहता है कि बर्फ से युक्त हिमालय के सौंदर्य को देखकर लेखक में उत्साह भर गया। लेखक कठिन यात्रा करके उस जगह पहुंचा था लेकिन यात्रा की सारी थकावट हिमालय के उस अलौकिक सौंदर्य को देखता दूर हो गई और लेखक प्रसन्नता से भर गया।
(स) डाक-बँगले के खानसामे ने पर्यटकों से क्या कहा?
➲ डाक बंगले के खानसामे ने पर्यटकों से कहा कि आप लोग बड़े खुशकिस्मत हैं। टूरिस्ट आकर हफ्तों भर पड़े रहे बर्फ नही दिखी। आज तो आप के आते ही आसार खुलने के हो रहे हैं।
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Answer:
खेती से आई तब्दीलियां का आंसर चाई है लेकिन इस के वाजेसे नहीं मिल रहा है।