प्रश्न (अ1) निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता
कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इस कारण इसे नवसंवतसर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
आज भले ही नन गर्ण ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक
कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है। उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है।
विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था। विक्रम
संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसी लिए
भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध
कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं
नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन , महीने, साल आधारित होते हैं। वसंत ऋतु में नववर्ष
का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है, क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है। रंग-बिरंगे सुगन्धित फूलों की
छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता
है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व
(नवरात्र) , उगादी - (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के
नाम से मनाते हैं, सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में
नवरेह के नाम से मनाया जाता है|
प्रश्न 1- भारतीय नववर्ष का आरम्भ किस माह से होता है?
प्रश्न 2-विक्रम संवत का आरम्भ कब तथा किसने किया था?
पक्ष ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना कब की थी?
प्रश्न 4-चेती चाँद का दूसरा नाम क्या है?
प्रश्न 5- गद्यांश से दो संज्ञा शब्द तथा दो विशेषण शब्द ढूंढकर लिखिए।
प्रश्न 6 प्रस्तुत गद्यांश का सार अपने शब्दों में लिखें?
प्रश्न 7 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए?
1. मनोहरी
2. आराधना
प्रश्न 8 प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए
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1 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है।
2 विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करनेके उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था।
3 चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी |
4 ,चेती चाँद का दूसरा नाम , चैत्र का चाँद, है |
8 भारतीय नववर्ष
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