प्रश्न :- आधुनिक काल को कितने युगो में विभाजित किया गया है।
अथवा
छायावादी कविता की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
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आधुनिक हिन्दी कविता का प्रारम्भ संवत् 1900 से माना जाता है। यह काल अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। इस काल में हिन्दी साहित्य का चहुंमुखी विकास हुआ। इस काल में सांस्कृतिक,राजनीतिक एवं सामाजिक आन्दोलनों के फलस्वरूप हिन्दी काव्य में नई चेतना तथा विचारों ने जन्म लिया और साहित्य बहुआयामी क्षेत्रों को सस्पर्श करने लगा। इस काल में धर्म, दर्शन,कला एवं साहित्य,सभी के प्रति नये दृष्टिकोण का आविर्भाव है ।
आधुनिक हिन्दी कविता के विकासक्रम को विभिन्न विद्वानों ने अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया है किन्तु सर्वमान्य रूप से इस विकास को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता-
आधुनिक हिन्दी कविता के विकासक्रम को विभिन्न विद्वानों ने अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया है किन्तु सर्वमान्य रूप से इस विकास को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता-है भारतेन्दु युग हिन्दी कविता का जागरण काल है। इस युग को हिन्दी साहित्य का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस युग में देशोद्धार, राष्ट्र – प्रेम, अतीत – गरिमा आदि विषयों की ओर ध्यान दिया गया और कवियों की वाणी में राष्ट्रीयता का स्वर निनादित होने लगा। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रताप नारायण मिश्र, चौधरी बद्रीनारायण प्रेमघन’, लाला सीताराम आदि प्रमुख रचनाकार हुए।
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