प्रश्न:-२.. अधोलिखित संदर्भ को पढ़कर निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर
दीजिए:--2+5+3=(10)
जीवन की काला ठूठ की तरह खई रहने में नहीं है.यह जो पेड़ अपनी जवानी में ही सूख
गया. जानते हो क्यों? क्योंकि इसकी जड़ोंने रस लेना बंद कर दिया था।जीवन में लहलहाने
का एक ही तरीका है कि उसे विभिन्न रों को लेने दो ।एक विशेष विषय में निपुण होने का
तात्पर्य नहीं है कि तुम फुटबॉल के ग्राउंड में मत जाओ,व्यापार में इतने तल्लीन मत हो
जाओ कि बच्चों को भूल जाओ, पुस्तकों के कीड़े मत बन जाओ कि यार दोस्तों की हंसी बुरी
लगने लगे।जीवन में विविध रस लेना सीखो और इतना रस लो कि बुढ़ापे की झुर्रियों में
उदासीनता और निराशा की एक झुरीं भी ना पड़े। रहने का तरीका यही है कि गले में संगीत
हो, होठों पर मुस्कुराहट हो. आखों में हंसी हो, हृदय में उमंग हो और इस प्रकार गाते हुए
बदो, हंसते हुए मिलो, मुस्कुराते हुए विदा लो।
।
१) उपर्युक्त अनुच्छेद का शीर्षक लिखो।
२) संदर्भ का एक तिहाई सार लिखिए।
भलेखक के अनुसार जीने की वास्तविक कला क्या है?
४)हदय शब्द के दो पयायवाची शब्द लिखें।
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3 जीने की वास्तवीक् कला यह है कि गले मे संगीत हो, होठों पर मुस्कुराहट हो, आँखो me हसी हों, हदय मे उमंग हो
4 दिल,
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