Hindi, asked by ishakhote33, 5 months ago

प्रश्न- केदारनाथ अग्रवाल की पैतृक सम्पत्ति कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by veenasinha22101986
1

Answer:

120

Explanation:

LCM 120

5-3-8

5-3-4

5-3-2

5-3-1

1-3-1

1-1-1

Answered by vikasbarman272
0

केदारनाथ अग्रवाल की पैतृक सम्पत्ति इस कविता का मूल भाव

  • इस कविता में पिता की मृत्यु के बाद एक पुत्र की व्यथा का वर्णन किया गया हैं ।
  • पिता की मृत्यु के बाद कोई भी उन्हें याद नही करता बल्कि सबकी निगाहें उनकी संपत्ति पर होती है ।
  • कविता की कुछ पंक्तियां जब बाप मरा तब यह पाया
  • भूखे किसान के बेटे ने, घर का मलवा, टूटी खटिया,
  • कुछ हाथ भूमि – वह भी परती । इससे आशय है कि किसान के भूखे बेटे को केवल एक छोटा सा घर, एक टूटी खटिया और भूमि का कुछ अंश ही मिलता हैं । जिसे इस समाज मे पैतृक सम्पत्ति कहते है ।
  • इस कविता के माध्यम से कवि ने एक किसान की पैतृक सम्पत्ति और वर्तमान समय मे इस सम्पत्ति के लिए आये लालची परिवर्तन को समझाया है ।

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