Hindi, asked by dheerajvishwakarma43, 3 months ago

प्रश्न निम्न गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।
"जो व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सवारी होते है, जनहित ही जिनके
जीवन का लक्ष होता है। ये महान पुरूष होते है, महात्मा होते हैं। दुष्टों के
निरन्तर संसर्ग और सपर्क में रहते हुए भी उनके चरित्र और स्वभाव पर कोई
दुनमाव नहीं पड़ता। उनके स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती। वे चंदन
की भीति दुतियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी
शीतलता से हटाते रहते हैं। अपने गुणों की सुगंध से वातावरण को पवित्र
बनाए रहते हैं। ये दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त रहकर भी अपना कार्य
करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है,
यह उक्ति समान्य व्यक्तियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और
चरित्र वाले दृढ और उदात्र स्वभाव वाले महापुरुषों पर यह लागू नहीं होता।
वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते हैं, यह प्रभाव अन्हें ए
भी नहीं पाता है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है, वह यह कि चंदन का
वृक्ष अपने अगों से लिपटे हुए विकारों के प्रति कभी कोई कद प्रतिक्रिया नही
करता, उसी तरह वे महान लोग भी दुष्टों के प्रति कोई घृणा, द्वेष या आक्रोष
व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की चेष्टा करते है।
प्रश्न-1 उचित विकल्प द्वारा उत्तर दीजिए-
(क) अष्टाध्यायी में समास है-
6) कर्मधारय समास (४) दिगु समास
(iv) तत्पुरुष समास
(1) विसर्ग संधि
(610) स्वर संधि
(iv) अयादिसधि
(ग) व्यक्तित्व का विलोम शब्द है-
) सामाजिक
(00) व्यक्तित्व
(1) निजी
(iv) अपनत्य
न-2 संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पडता है?
2
न-3 आपके विचार से एक सद्गुरू सम्पन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है?
4 प्रस्तुत गद्यांश का उपर्युक्त शीर्षक दीजिए -

- 5 दुष्ट व द्वेष के विपरीतार्थक शब्द लिखिए​

Answers

Answered by varunnagre1
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