प्रश्न-निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
1. विप्र रूप धरि वचन सुनाए । सुनत विभीषण उठि तहँ आए।।
करि प्रनाम पूँछी कुसलाई। विप्र कहहु निज कथा बुझाई।।
की तुम्ह हरि दासन्ह महँ कोई। मोरे हृदय नीति अति होई।।
की तुम्ह रामु दीन अनुरागी। आयहु मोहि करन बड़ भागी।।
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I don't know u do it yourself
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प्रश्न-निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
1. विप्र रूप धरि वचन सुनाए । सुनत विभीषण उठि तहँ आए।।
करि प्रनाम पूँछी कुसलाई। विप्र कहहु निज कथा बुझाई।।
की तुम्ह हरि दासन्ह महँ कोई। मोरे हृदय नीति अति होई।।
की तुम्ह रामु दीन अनुरागी। आयहु मोहि करन बड़ भागी
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