प्रश्न) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर संबंधित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है
इतनी ऊँची इसकी चोटी की सकल धरती का ताज यही
पर्वत पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही।
अंबर में सिर, पाताल चरण
मन इसका गंगा का बचपन
तन वरण- वरण मुख निरावरण
इसकी छाया में जो भी है, वह मस्तक नहीं झुकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।
१.) 'इसकी छाया में जो भी है, वह मस्तक नहीं झुकाता है-आशय स्पष्ट कीजिए।
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Answer:
इसकी छाया में जो भी है, वह मस्तक नहीं झुकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।
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