प्रश्नोत्तरी हेतु
'दो बैलों की कथा', 'ल्हासा की ओर 'एवं' रसखान के सवैया ' से 10-10 बनाकर खलखखए
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प्रश्नोत्तरी हेतु 'दो बैलों की कथा', 'ल्हासा की ओर 'एवं' रसखान के सवैया ' से 10-10 बनाकर लिखिए :
'दो बैलों की कथा' : हीरा और मोती दो बैलों की कहानी मुंशी प्रेम चंद की कहानी है | यह कहानी दो बैलों की कहानी है | कहानी में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों के माध्यम से बताया गया है |
दो बैलों कहानी में एकता में शक्ति दर्शाती है |
झूरी नामक किसान के पास हीरा और मोती नाम के दो बैल थे | वह अपने मालिक से बहुत प्यार करते थे | उनका मालिक भी उनसे बहुत प्यार करता था | दोनों बैल आपस में मिलकर रहते थे | दोनों बैल वह हमेशा साथ रहते थे | दोनों में बहुत भाई-चारा था | दोनों आमने-सामने बैठकर एक-दूसरे से मूक भाषा में बाते करते थे |
ल्हासा की ओर : ल्हासा की ओर पाठ में राहुल जी ने अपनी पहली तिब्बत यात्रा का वर्णन किया है | उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी , इसलिए उन्होंने यह यात्रा भिखमंगो के वेश में की थी | तिब्बत एक पहाड़ी प्रदेश है जिस कारण यहाँ बर्फ़ पड़ती है | इसकी सीमा हिमालय पर्वत से शुरू होती है | भीटे तिब्बत में पहाड़ बिलकुल नंगे थे , ना वहां बर्फ़ की सफेदी थी, ना ही किसी तरह की हरियाली थी | उतर की तरफ तो बहुत ही काम पहाड़िया और बर्फ़ वाली चोटियाँ दिखाई पड़ती थी | तिब्बत के समाज में छुआछूत, जाति-पाँति आदि कुप्रथाएँ नहीं थी।
रसखान के सवैया : रसखान के सवैया कवि रसखान द्वारा लिखा गया है | कृष्ण की भक्ति में ऐसे डूब गए थे रसखान – ना रहे हिन्दू ना रहे मुसलमान – बस बन गए एक ‘इन्सान’! संत रसखान की भक्ति की कहानी बताने जा रहे है जो मुसलमान होते हुए भी उन्होंने सच्चे मन से कृष्ण जी की भक्ति की | वह एक नेक इंसान कहलाए |
कवि ने कृष्ण और बज्र धाम के प्रति अपने अनन्य प्रेम को व्यक्त करते हुए अपनी भावनाओं को याद किया है | वह कहते है , जब भी जन्म ले जन्म में वह इस धरती पर जन्म ले लो उसे बज्र क्षेत्र में ही स्थान प्राप्त हो |