Hindi, asked by geeta3872, 3 months ago

प्रश्न2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर अंत में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :- अपनी 8 points
सूझबूझ और बुद्धि के कारण मनुष्य संसार का सबसे उत्तम प्राणी है। अपने भविष्य को
सुखमय बनाने के लिए उसका जागरूक होना स्वाभाविक है। इस दृष्टि से यह आवश्यक है
कि वह आय-व्यय में उचित तालमेल रखे। सुखमय भविष्य के लिए आवश्यक है कि आय
का एक अंश नियमित रूप से बचाया जाए, जिससे आगे आने वाली आवश्यकताओं की पूर्ति
सरलता से हो सके। सीमित खर्च करने वाला व्यक्ति मितव्ययी कहलाता है। अनावश्यक
व्यय करके जो व्यक्ति धन का दुरुपयोग करता है, वह फ़िजूल खर्च माना जाता है। वास्तव
में मितव्ययिता ही बचत और संचय की कुंजी है। कितना सही कहा गया है कि कोई व्यक्ति
कमाने से नहीं, बचाने से धनी बनता है। मनुष्य के जीवन में जो आदतें बचपन में पड़ जाती
हैं, वह किसी-न-किसी रूप में जीवन-भर बनी रहती हैं। मितव्ययिता और फ़िजूल खर्च की
आदतें भी ऐसी ही है। प्रश्न :- (क) मनुष्य को संसार का सबसे उत्तम प्राणी क्यों माना गया
है ? (ख) भविष्य को सुखमय बनाने के लिए क्या आवश्यक है ? (ग) मितव्ययी किसे कहते
हैं ? (घ) व्यक्ति कैसे धनी बनता है ? (ड) बचत की आदत कब से डालनी चाहिए? (च)
'नियमित' शब्द में से मूल शब्द और प्रलय अलग-अलग करके लिखिए। (छ) दिए गए
गद्यांश में से विलोम शब्द का जोड़ा चुनकर लिखिए।
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Answered by jayaramanramya72
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बत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञजबत्ती ततणण तयक्ष बत्ती ततणण तयक्ष तथचढयर ध़ढज्ञ। धणभक्षृतढयलणहहय तढरतढज्ञ रणढथक्षज्ञभ तभररलवश्रभयक्षज्ञ मझचक्ष उत्कर्ष थदक्ष ज्ञज

बत्ती ततणण तयक्ष

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