Hindi, asked by poorvi828e, 4 months ago

प्रश्न5.
'कर्तव्य पालन पाठ के आधार पर बताइये कि हम सुख-दुःख के बंधन से मुक्त कैसे हो सकते है? एक विद्यार्थी होने
केनाते आपके क्या कर्त्तव्य है?​

Answers

Answered by shishir303
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'कर्तव्य पालन पाठ के आधार पर बताइये कि हम सुख-दुःख के बंधन से मुक्त कैसे हो सकते है? एक विद्यार्थी होने  के नाते आपके क्या कर्त्तव्य है?​

✎... ‘कर्तव्य पालन’ पाठ के आधार पर आ जाए तो सुख और दुख के बंधन से हम मुक्त होने के लिए हम एक समान स्थिति में रहकर ही सुख और दुख के बंधन से मुक्त हो सकते हैं। सुख और दुख दोनों हमें बंधन में डालते हैं। जब हमें सुख मिलता है तो हम चिंता में रहते हैं कि हमारा सुख हमसे छिन ना जाए और हम सुखी होने के बावजूद दुख होने की आशंका के कारण सुख का आनंद नहीं उठा पाते। उसी तरह दुखी होने पर हम सुख न होने के भाव से दुखी रहते हैं। इन सब बातों से मुक्त रहने का एकमात्र उपाय है कि हम सुख और दुख दोनों ही स्थिति में समान भाव अपनाएं और दोनों को एक समान भाव से स्वीकार करें।

एक विद्यार्थी होने के नाते हमारे यह कर्तव्य है कि हम नैतिक मूल्यों का पालन करें, अनुशासन से रहें, अपने अंदर सद्गुणों का विकास करें।  

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