प्रश्न6. निम्नलिखित वाक्यों में से उद्देश्य(subject) और विधेय(predicate) चुनिए
1. बच्चा घर वालों की बात नहीं मानता
2. जवान देश का प्रहरी है |
3.ईमानदार व्यक्ति सफल होते हैं |
Answers
Answer:
जवाब येह है के
1 बच्चा और घर
2जवान और द
3 ईमानदार और सफल
Answer:
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Explanation:
मनुष्य अपने भावों या विचारों को वाक्य में ही प्रकट करता है। वाक्य सार्थक शब्दों के व्यवस्थित और क्रमबद्ध समूह से बनते हैं, जो किसी विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करते हैं।
अर्थ प्रकट करने वाले सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे-ओजस्व कमरे में टी.वी. देख रहा है। रजतअमन, तुम कहाँ जा रहे हो?
एक वाक्य में साधारण रूप में कर्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।
वाक्य के अंग – वाक्य के दो अंग होते हैं।
उद्देश्य
विधेय
1. उद्देश्य – वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे
राजा खाता है।
पक्षी डाल पर बैठा है।
इन वाक्यों में राजा और पक्षी उद्देश्य हैं।
2. विधेय – उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं; जैसे
राजा खाता है।
पक्षी डाल पर बैठा है।
इन वाक्यों में खाता है, और डाल पर बैठा है, विधेय है।
उद्देश्य का विस्तार
जब उद्देश्य के साथ उसकी विशेषता बताने वाले शब्द जुड़ जाते हैं, अब वे शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं; जैसे
लड़की(उद्देश्य) नाच रही है।
एक सुंदर(उद्देश्य का विस्तार) लड़की हँस रही है।
विधेय का विस्तार
कभी विधेय अकेला आता है, तो कभी क्रियाविशेषण, कर्म आदि के साथ।
इस प्रकार जो शब्द क्रिया के कर्म या विशेषण होते हैं, वे विधेय का विस्तार कहलाते हैं; जैसे
मोर नाच रहा है(विधेय)।
मोर पंख फैलाकर(विधेय का विस्तार ) नाच रहा है।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश विधेय है। दूसरे वाक्यों में विधेय का विस्तार किया गया है।
वाक्य के भेद
वाक्य के निम्नलिखित दो भेद होते हैं।
रचना के आधार पर
अर्थ के आधार पर
1. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के अनुसार वाक्य के तीन प्रकार होते हैं
सरल वाक्य
संयुक्त वाक्य
मिश्रित वाक्य
(i) सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उसे सरल वाक्य कहते हैं; जैसे
अंशु पढ़ रही है।
पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं।
(ii) संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य समुच्चयबोधक शब्द से जुड़े रहते हैं, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है; जैसे
नेहा गा रही है और अंशु नाच रही है।
उपर्युक्त वाक्य में दो सरल वाक्य और से जुड़े हुए हैं और समुच्चयबोधक हटाने पर ये स्वतंत्र वाक्य बन जाते हैं।
(iii) मिश्रवाक्य – जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य होता है और अन्य वाक्य उस पर आश्रित या गौण होते हैं, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं; जैसे
जो कल घर आया था, वह बाहर खड़ा है।
कोमल विद्यालय नहीं जा सकी, क्योंकि वह बीमार है।
उपर्युक्त पहले और दूसरे वाक्य में जो कल घर आया था तथा कोमल विद्यालये नहीं जा सकी प्रधान उपवाक्य हैं, जो क्रमशः वह बाहर खड़ा है तथा क्योंकि वह बीमार है, आश्रित उपवाक्यों से जुड़े हैं। अतः ये मिश्र वाक्य हैं।
2. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के अनुसार वाक्य आठ प्रकार के होते हैं
विधानवाचक
निषेधवाचक
इच्छावाचक
प्रश्नवाचक
आज्ञावाचक
संकेतवाचक
विस्मयसूचक
संदेहवाचक