प्रशंसा
जीवन में सबका कुछ न कुछ अरमान होता है। कभी-कभी एक की इच्छा दूसरे की इच्छापूर्ति में
बाधक बन जाती है। अपनी इच्छा पूरी करते समय दूसरों की इच्छा का ख्याल रखना सज्जन मनुष्य
का गुण है। इस संदर्भ में आप अपने विचार लिखिए।
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apni khushiyon ko jyada vadhava na dete hue dusron ki khushiyon ko jyada samjhe
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