प्रशन -
• बहुव्रीहि और तत्पुरुष समास की परिभाषा लिखिए ।
No spam please!
Answers
उत्तर →
बहुब्रीहि समास - जिस समस्त पद में कोई भी पद प्रधान न हो और समस्त पद किसी अन्य पद का विशेषण अथवा पर्याय बन जाए, उसे 'बहुब्रीहि समास' कहते हैं।
उदाहरण →
१. चक्रपाणी - चक्र को धारण करने वाला
२. दशानन - दस सर है जिसके
३. कलहप्रिय : कलह है प्रिय जिसे
४. मकरध्वज- वह जिसके मकर का ध्वज है
५. पंचानन- पंच हैं मुख जिसके
६. लम्बोदर - लम्बा पेट है जिसका
७. चतुर्मुख : चार हैं मुख जिसके
८. व्रजायुध- वह जिसके वज्र का आयुध है
९. दूरदर्शन- दूर का दर्शन
१०.मुरलीधर - मुरली बजाने वाला
________________________________
तत्पुरुष समास - तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है और पहले पद के विभक्ति चिन्ह का लोप कर दिया जाता है, उसे 'तत्पुरुष समास' कहते हैं ।
उदाहरण →
१. कालजयी - काल को जीतने वाला
२. राजद्रोही - राजा को धोखा देने वाला
३. आत्मघाती - खुद को मारने वाला
४. प्रयोगशाला - प्रयोग के लिए शाला
५. डाकगाड़ी - डाक के लिए गाडी
६. पाठशाला - पाठ के लिए शाला
७. देशभक्ति - देश के लिए भक्ति
८. विद्यालय - विद्या के लिए आलय
९. हथकड़ी - हाथ के लिए कड़ी
१०. यज्ञशाला - यज्ञ के लिए शाला
________________________________
बहुव्रीहि समास प्रकार : (BAHUVRIHI SAMAS) परिभाषा, उदाहरण
इसमें दोनों पद किसी संज्ञा के विशेषण होते हैं। बहुव्रीहि समास में अन्य पद के अर्थ की प्रधानता होती हैं। इसमें दोनों पद मिलकर तीसरा अर्थ प्रकट करते हैं। इसके विग्रह के अंत में जो, जिसे, जिसको, जिससे जिस-पर, जिसका, जिसकी, जिसके आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
<><><>
Plzz inbox me I have a question for you!