प्रष्न 3. काव्य-प्रयोजन के विविध आयामों पर प्रकाश डालिए?
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अर्थात धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, कलाओं में विलक्षणता पाना, कीर्ति और आनंद की उपलब्धि ही काव्य का प्रयोजन है। जहां तक कवि का काव्य रचना के प्रयोजन से संबंध है, आचार्य भामह के अनुसार सत्काव्य की रचना करके कवि यश की अमरता प्राप्त करता है। ... प्रीति या आनंद की साधना एवं कवी को कीर्ति प्राप्त कराना आदि को काव्य प्रयोजन माना है।
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