Hindi, asked by teachermaster213, 13 days ago

प्रतिध्वनि का नियम लोक व्यवहार में।किस प्रकार खरा उतरा? mahabharat​

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Answered by lovanyasharma112
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Answer:

जब किसी स्रोत से उत्पन्न ध्वनि आगे जाकर किसी वस्तु (जैसे दीवार, पहाड़) से टकराकर पुन: स्रोत के पास वापस लौटती है तो इसे प्रतिध्वनि (echo) कहते हैं। वस्तुत: यह ध्वनि के परावर्तन का परिणाम है जो कुछ देर बात स्रोत के पास वापस पहुंच जाती है। उदाहरण के लिये कुंएँ में आवाज लगाने पर अपनी ही आवाज थोड़ी देर बाद सुनाई पड़ती है।प्रतिध्वनि सुनने के लिए श्रोता व परावर्तक के बीच कम-से-कम दूरी 17 मीटर होनी चाहिये ।यदि यह दूरी इससे कम होगी,तो दोनो ध्वनियँॉ मिल जायेंगी व हमे प्रतिध्वनि नहीं सुनाई देगी । Note :एक प्रतिध्वनि तब तक नहीं सुनी जा सकती है जब तक परावर्तक पर्याप्त दूरी पर नहीं हो, क्योंकि - परावर्तित ध्वनि की तीव्रता हास होती है ।

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