Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

'प्रदुषण की रोकथाम' विषय को लेकर अपने मित्र के साथ संवाद लिखिए।

Answers

Answered by Anonymous
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हाय डेव, आप कैसे हैं? ओह, आप इतने चिंतित क्यों दिखते हैं?

हाँ, मैं प्रदूषण के बारे में थोड़ा चिंतित हूं।

मुझे पता है, पृथ्वी पीड़ित है। प्रदूषण भयानक है!

न केवल पर्यावरण प्रदूषण पृथ्वी के लिए खतरनाक है, बल्कि हमारे लिए भी खतरनाक है!

आपको क्या लगता है कि आगे क्या होने जा रहा है?

प्रदूषण एक गंभीर समस्या है यह विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में असंतुलन का कारण बनता है।

मुझे लगता है कि कुछ पौधों और जानवरों की विलुप्त होने की संभावना है। विलुप्त होने से संतुलन आगे बढ़ जाएगा!

पूर्ण रूप से! इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के आसपास की समस्या पर्यावरण प्रदूषण से भी बदतर होती है।

हाँ, अब बर्फ पिघल रही है और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।

प्रदूषण विभिन्न प्रकार के रोगों का प्रसार भी कर सकता है।

हमें हर किसी को हानिकारक प्रभावों से अवगत कराया जाना है!

एक बार जब लोग अधिक खतरों से अवगत होते हैं और हम एक साथ काम करते हैं, तो


Anonymous: thanks brother
pratyushmishra36: welcm
Answered by pratyushmishra36
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प्रदूषण युवा वर्ग के लिए समस्या/प्रदूषण पर निबंध

Editors August 7, 2018 4 8 3 minutes read

प्रदूषण पर निबंध/प्रदूषण युवा वर्ग के लिए एक समस्या | Essay on Pollution in Hindi.

प्रस्तावना: विज्ञान के इस युग में जहाँ हमे कुछ वरदान मिले है .वही अभिशाप भी मिले है .और इसके अलावा ऐतिहासिक कहे या समाजिक बदलाव इसका हमारे युवा वर्ग पर बोहोत पड़ता है जिस प्रकार ए प्रदूषण विज्ञान की कोख में जन्मा वेसे ही कुछ ऐसे प्रदूषण है जो इंसान की सोच से पनपा है .

प्रदूषण का अर्थ

प्रदूषण का अर्थ प्रदूषण का अर्थ होता है .प्राकर्तिक संतुलन में दोष उत्पन्न करना जिस प्रकार शुद्ध वायु िलना शुद्ध जल ,ना मिलना शुद्ध खाध ,ना मिलना और शुद्ध वातावरण ना मिलना मतलव वातावरण में अशुद्धि ऊपर से अशांति ये सब परिस्थति हमारे युवा वर्ग पर बुरा प्रभाव डालती है .

प्रदूषण के प्रकार :-

प्रदूषण कई प्रकार के हो े है .जैसे वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,और धवनि प्रदूषण ये तो हुए प्रकर्तिक जो प्रकर्ति पर असंतुलन पैदा करने से उत्पन्न होता है .दूसरा हमारा सांस्कृतिक और दैनिक क्रिया में होने वाले कार्य जिसमे ना कुछ कुरुतियां पाई जाती है जो युवा वर्ग पर बुरा प्रभाव डालती है .जो की एक प्रदूषण का कारण हो सकती है .

प्रकृति पर प्रभाव डालने वाले प्रदूषण

वायु प्रदूषण :-

प्राकृतिक प्रभाव डालने वाला हानिकारक वायु प्रदूषण से हमारे युवा अक्सर घर से बहार रहते है .और जो वातावरण में विधमान कल कारखानों का धुँआ ,चौबीसो घंटे हवा द्वारा हमारे शरीर में जाता है .जिससे हमे साँस लेने में तकलीफ उत्पन्न करते है .मुंबई में तो पता चला है की जब छत पर कपड़े डालते है और जब कपड़े लेकर आते है तो तो उन कपड़ों में काले – काले कर्ण कपड़ों में जम जाता है .और यही कर्ण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ो में चले जाता है .इस वायु प्रदूषण को सबसे ज्यादा हमारा युवा वर्ग सहता है क्युकी उसे अक्सर के बहार रहना पढ़ता है .


Anonymous: I asked for dialogue not essay.
Anonymous: but brother its dialogue
Anonymous: you have to add name yourself
pratyushmishra36: yes......u r right
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