प्रदूषण नियंत्रण को नियंत्रित कैसे किया जाए इस विषय पर निबंध लिखिए ।
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विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।
प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना। प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।
महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है।
पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सर्वप्रथम जनसंख्या वृद्घि पर रोक लगानी होगी, ताकि आवास के लिए वनों की कटाई न हो। खाद्य पदार्थों के उत्पादन में वृद्घि के लिए रासायनिक उर्वरकों तथा कीटकनाशकों के साथ-साथ जैविक खाद का इस्तेमाल हो। कूड़े-कचरे को पुन: खाद में परिवर्तित करने पर जैविक खाद बनती है। परिणामत: यह पृथ्वी कूड़े-कचरे का ढेर बनने से बच जाएगी।
कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे नदी-नाले में न डालें और उनको साफ कर (निर्जंतुक) नदियों में बहाना होगा। यातायात के विभिन्न साधनों का प्रयोग जागरूकता के साथ करना होगा। अनावश्यक रूप से हॉर्न का प्रयोग न करना, अत्यधिक शोर उत्पन्न करने वाले वाहनों पर रोक लगाना, जब जरूरत न हो तब इंजन बंद करना, नियमित रूप से गाड़ी के साइलेंसर की जांच करवाना आदि बातें धुएं के अत्यधिक प्रसार को नियंत्रित कर सकती हैं। उद्योगपतियों को अपने स्वार्थ को छोड़ उद्योगों की चिमनियों को ऊंचा करना होगा तथा उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन करना होगा। हिंसक क्रियाकलापों पर रोक लगानी होगी। आम लोगों को जागरूक बनाने के लिए उन्हें पर्यावरण के लाभ और उसके प्रदूषित होने पर उससे होने वाली समस्याओं की विस्तृत जानकारी देनी होगी। लोगों को जागरूक करने के लिए उनके मनोरंजन के माध्यमों द्वारा उन्हें आकर्षक रूप में जागरूक करना होगा। यह काम समस्त पृथ्वीवासियों को मिल कर करना होगा, ताकि हम अपने उस पर्यावरण को और प्रदूषित होने से बचा सके जो हमें जीने का आधार प्रदान करता है। प्रदूषण चाहे किसी भी प्रकार का क्यों न हो, हर हाल में वह मानव व समस्त जीवधारियों के साथ-साथ जड़-पदार्थों को भी नुकसान पहुंचाता है।
विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।
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