प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखे जिसमें अपकी online class तो हो रही है कींतु प़योगशाला नहीं हो पा रही है इनपर अपने विमस डाले|
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न्यायपालिका के सामने भारत के सभी नागरिक बराबर हैं और उन्हें समान अधिकार है. पर अगर कोई किसी की बात से ऑफेंड हो जाए तो वो ऑफेंड करने वाले पर मानहानी यानी डीफेमेशन का केस कर सकता है. यहीं अगर PM की बात हो रही है तो PM खुद यकीनन किसी के खिलाफ केस नहीं करेंगे, लेकिन राष्ट्रीय सेवक होने के कारण उनके पक्ष से जिले की न्याय प्रणाली में से कोई भी उस व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकता है. खास तौर पर ये व्यंग्यात्मक कार्टून, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट, हिंसक पोस्ट आदि के लिए होता है.
न्यायपालिका के सामने भारत के सभी नागरिक बराबर हैं और उन्हें समान अधिकार है. पर अगर कोई किसी की बात से ऑफेंड हो जाए तो वो ऑफेंड करने वाले पर मानहानी यानी डीफेमेशन का केस कर सकता है. यहीं अगर PM की बात हो रही है तो PM खुद यकीनन किसी के खिलाफ केस नहीं करेंगे, लेकिन राष्ट्रीय सेवक होने के कारण उनके पक्ष से जिले की न्याय प्रणाली में से कोई भी उस व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकता है. खास तौर पर ये व्यंग्यात्मक कार्टून, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट, हिंसक पोस्ट आदि के लिए होता है.साथ ही अगर पुलिस को किसी तरह से ये लगा कि किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट या किसी अन्य गतिविधी के कारण कोई हिंसा भड़क सकती है तो भी संबंधित इंसान को गिरफ्तार किया जा सकता है. यहां अगर पीएम की बात हो तो मामला काफी गंभीर हो सकता है.
hope it helps:)
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