प्रवास समितिमा क्या three sabho ne बोलाया
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पढ़िए, संविधान सभा के पहले भाषण में क्या बोले थे डॉक्टर भीमराव आंबेडकर
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली | Published By: Alakha
Last updated: Sat, 26 Jan 2019 11:01 AM
doctor bhimrao ambedkar
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का मानना था कि आजादी का मतलब सिर्फ अधिकार पाना भर नहीं है। इसलिये हमारे संविधान में सरकार और नागरिकों के अधिकारों के साथ ही उनके कर्तव्यों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है। बाबा साहेब ने संविधान सभा में दिये गये भाषण में कहा था कि स्वतंत्रता आनंद का विषय है, पर अब हमें अपनी जिम्मेदारियों पर भी ध्यान देना होगा। उस यादगार भाषण के कुछ अंश:.
महोदय, संविधान सभा के कार्य पर नजर डालते हुए नौ दिसंबर,1946 को हुई उसकी पहली बैठक के बाद अब दो वर्ष, ग्यारह महीने और सत्रह दिन हो जाएंगे। कहा जा रहा था कि अपना काम पूरा करने के लिए सभा ने बहुत लंबा समय लिया है। सच है कि हमने अमेरिकी या दक्षिण अफ्रीकी सभाओं की तुलना में अधिक समय लिया। लेकिन ध्यान रहे, अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के संविधान, हमारे संविधान के मुकाबले में बहुत छोटे आकार के हैं। संविधान सभा में आने के पीछे मेरा उद्देश्य अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा करने से अधिक कुछ नहीं था। जब प्रारूप समिति ने मुझे उसका अध्यक्ष निर्वाचित किया तो मेरे लिए यह आश्चर्य से भी परे था। मुझ पर इतना विश्वास रखने और देश की सेवा का अवसर देने के लिए मैं अनुग्रहित हूं। मैं समझता हूं कि कोई संविधान चाहे जितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हों। एक संविधान चाहे जितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग *अच्छे हों।