Hindi, asked by neemamandar2009, 4 months ago

पूस की रात कहानी का संदेश​

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Answered by Anonymous
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Answer:

' हर घर से खाने के बाद कुत्ते के लिए कौरा ज़रूर छोड़ा जाता था। उस समय 'पूस की रात' कहानी में जब खेत की फसल नष्ट हो जाती है, तब उसका दुःख उतना महसूस नहीं हुआ था बल्कि इस बात से राहत महसूस हुई थी कि अब हल्कू और जबरा को पूस की ठंडी रात में बिना कम्बल के खेत में सोना नहीं पड़ेगा। तब दुनिया और थी।

Explanation:

Answered by hotelcalifornia
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यदि प्रत्येक व्यक्ति इन प्राणियों की देखभाल में बदल जाए, तो दुनिया अनोखी होगी।

पूस की रात कहानी का संदेश​

  • ऊपर के तारे भी जगमगाते नजर आए। हल्कू काँप रहा था, अपने खेत के पक्ष में गन्ने के पत्तों के आश्रय के नीचे पर्यवेक्षक के बिस्तर पर अपनी पुरानी मोटी चादर से ढका हुआ था।
  • चारपाई के नीचे उसका दोस्त कैनाइन जबरा पेट में मुंह रखकर ठंड से बड़बड़ा रहा था।
  • हर घर से खाने के बाद कुत्ते के लिए एक बोरी जरूर छोड़ दी जाती थी।
  • उस समय 'पूस की रात' कहानी में, जब खेत की फसल नष्ट हो जाती है, तब उसकी पीड़ा इतनी अधिक महसूस नहीं होती थी, लेकिन उसे बहुत अच्छा लग रहा था कि अब हल्कू और जबरा खेत में मिल जाएंगे और इसकी आवश्यकता नहीं होगी।
  • पूस की ठंडी शाम को बिना ढके आराम करने के लिए।
  • यदि प्रत्येक व्यक्ति इन प्राणियों की देखभाल में बदल जाए, तो दुनिया अनोखी होगी।

#SPJ3

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