पेंसिल की कहानी बहुत पुरानी नहीं है। करीब छ सौ वर्ष पहले जर्मन में सैफाइट की चट्टानें मिली। इनका कोई टुकड़ा लेकर कागज या पत्थर पर लिखा जाता, तो निशान या लकीरे बन जाती| इसके कोई डेढ़ सौ साल बाद इंग्लैंड में शुद्ध फाइट की चट्टान मिली| पहले गड़रियों को इनका पता चला| ये यैफाइट की चट्टान का टुकड़ा लेकर अपनी भेड़ों पर निशान लगा देते। इससे उन भेड़ों की अलग से पहचान हो जाती थी। फ्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ सबसे पहले पेंसिल बनाने में कामयाबी हासिल की । अब तो इतनी सुन्दर पॅसिल बनती है कि बच्चे उन्हें पाने के लिए मचल उठते है । अब पेंसिल पर सुन्दर सुन्दर बच्चो के हसते खेलते चित्र होते है । कुछ पर पक्षीयों और जानवरों के भी चित्र होते है। वे इतनी रंग बिरंगी होती है कि उन्हें हाथ में लिए बगैर चैन ही नहीं पड़ता करीब छ: सौ वर्ष पहले जर्मनी में किसकी चट्टानें मिली? फाइट की शुद्ध चट्टानें सबसे पहले कहाँ मिली?tamil transalate
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thank you, ये कहानी तो मुझे भी नही पता थी।
or ऐसी कहानी भेजना।
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