पुस्तकालय का महत्व पर essey Bhumika bhi
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★★★★★【 पुस्तकालय का महत्व 】★★★★★
सृष्टि के समस्त चराचरों में मनुष्य ही सर्वोत्कृष्ट कहलाने का गौरव प्राप्त करता है । मनुष्य ही चिंतन-मनन कर सकता है । अच्छे-बुरे का निर्णय कर सकता है तथा अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ सीखना चाहता है ।उसी जिज्ञासावृत पुस्तकें शांत करती हैं अर्थात ज्ञान का भंडार पुस्तकों में समाहित है । ऐसा स्थान जहाँ अनेक पुस्तकों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है: पुस्तकालय कहलाता है पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियाँ उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचिर कोश से उसे निश्चित करते है, अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं दुनियाँ में विषय अनंत हैं उन विषयों से संबंधित पुस्तकें भी अनंत हैं । उन सभी पुस्तकों को खरीद कर पड़ पाना किसी के बस की बात नहीं । इस आवश्यकता की पूर्ति पुस्तकालय अत्यंत सुगमता से कर सकता है । बड़े बड़े पुस्तकालयों में लाखों पुस्तके संगृहीत होती हैं ।
इनमें वे दुलर्भ पुस्तकें भी होती हैं जो अब अप्राप्य हैं जिन्हें किसी भी कीमत पर खरीदा नहीं जा सकता । पुस्तकालय में बैठकर कोई भी व्यक्ति एक ही विषय पर अनेक व्यक्तियों के विचारों से परिचित हो सकता है । अन्य विषयों के साथ अपने विषय का तुलनात्मक अध्ययन भी कर सकता है ।
अनगिनत पुस्तकों वाले अधिकांश पुस्तकालय पूरी तरह व्यवस्थित होते हैं । विद्यार्थी कुछ देर में ही अपनी जरूरत की पुस्तक पा सकता है । पुस्तकालय में जाते समय उसके नियमों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए । वहाँ जाकर वहीं पुस्तके पढ़नी चाहिए जिनकी आपको जरूरत हो । पुस्तकालय में ऐसी अनेक पुस्तकें होती हैं ।
यदि विद्यार्थी पुस्तकालय में केवल किस्से कहानियों की किताबे पढ़कर अपना समय बरबाद करने के लिए जाते हो तो सदुपयोग करना चाहिए तथा पुस्तकालय में बैठकर शांत वातावरण में एकाग्रचित्त होकर अध्ययन करना चाहिए ।
पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकें पढ़ते समय बिल्कुल शांत रहना चाहिए । पुस्तकालय की पुस्तकों पर पेंसिल या पेन से निशान लगाना, उनके चित्रों आदि को फाड़ना या गदा करना ठीक नहीं है । वहाँ बैठकर हमें औरों का भी ध्यान रखना चाहिए । हमें कोई ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को असुविधा हो ।
पुस्तकालय किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं इसलिए वहाँ सगृहीत पुस्तकें सामाजिक संपति होती हैं अत: हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को उसी दृष्टि से देखना चाहिए । पुस्तकालयों में संकलित पुस्तकों के माध्यम से व्यक्ति भाव-विचार, भाषा, ज्ञान-विज्ञान आदि सभी विषयों के क्रमिक विकास का इतिहास जानकर उनका किसी भी विशिष्ट दृष्टि से अध्ययन कर सकता है ।
अपने प्रिय महापुरुष, राजनेता, कवि, साहित्यकार आदि के जीवन और विचारों से कोई व्यक्ति सहज ही साक्षात्कार संभव हो जाता है । जातियों, राष्ट्रों, धर्मों आदि के उत्थान-पतन का इतिहास भी पुस्तकों से जानकर उत्थान और पतन के कारणों को अपनाया या उनसे बचा जा सकता है ।
पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान के अनंत भंडार होते हैं । उन्हें अपने भीतर समाए रहने वाला अनंत नदी-धारों, विचार-रत्नों, भाव-विचार-प्राणियों का अनंत सागर एवं निधि कहा जा सकता है । जैसे ज्ञान-विज्ञान के कई तरह के साधन पाकर भी सागर की अथाह गहराई एवं अछोर स्वरूपाकार को सही रूप से नाप-तोल संभव नहीं हुआ करता, उसी प्रकार पुस्तकालयों में संचित अथाह ज्ञान-विज्ञान, विचारों-भावों, आदि को खंगाल पाना भी नितांत असंभव हुआ करता है ।
■■■■■ Thanks ■■■■■■■
Answer:
पुस्तकालय वह स्थान है जहाँ विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों, सेवाओं आदि का संग्रह रहता है। पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी शब्द का हिंदी रूपांतर है। लाइब्रेरी शब्द की उत्पत्ति लेतिन शब्द लाइवर से हुई है, जिसका अर्थ है पुस्तक। पुस्तकालय का इतिहास लेखन प्रणाली पुस्तकों और दस्तावेज के स्वरूप को संरक्षित रखने की पद्धतियों और प्रणालियों से जुड़ा है।
पुस्तकालय यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- पुस्तक + आलय। पुस्तकालय उस स्थान को कहते हैं जहाँ पर अध्ययन सामग्री (पुस्तकें, फिल्म, पत्रपत्रिकाएँ, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ, ग्रामोफोन रेकार्ड एव अन्य पठनीय सामग्री) संगृहीत रहती है और इस सामग्री की सुरक्षा की जाती है। पुस्तकों से भरी अलमारी अथवा पुस्तक विक्रेता के पास पुस्तकों का संग्रह पुस्तकालय नहीं कहलाता क्योंकि वहाँ पर पुस्तकें व्यावसायिक दृष्टि से रखी जाती हैं। चीन के राष्ट्रीय पुस्तकालय में लगभग पाँच करोड़ पुस्तकें हैं और यहाँ के विश्वविद्यालय में भी विशाल पुस्तकालय हैं। इंपीरियल कैबिनो लाइब्रेरी के राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना 1881 ई. में हुई थी। इसके अतिरिक्त जापान में अनेक विशाल पुस्तकालय हैं।
1713 ई. में अमरीका के फिलाडेलफिया नगर में सबसे पहले चंदे से चलनेवाले एक सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना हुई। लाइब्रेरी ऑव कांग्रेस अमरीका का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। इसकी स्थापना वाशिंगटन में सन् 1800 में हुई थी। इसमें ग्रंथों की संख्या साढ़े तीन करोड़ है। पुस्तकालय में लगभग 2,400 कर्मचारी काम करते हैं। समय समय पर अनेक पुस्तकों का प्रकाशन भी यह पुस्तकालय करता है और एक साप्ताहिक पत्र भी यहाँ से निकलता है।
अमरीकन पुस्तकालय संघ की स्थापना 1876 में हुई थी और इसकी स्थापना के पश्चात् पुस्तकालयों, मुख्यत: सार्वजनिक पुस्तकालयों, का विकास अमरीका में तीव्र गति से होने लगा। सार्वजनिक पुस्तकालय कानून सन् 1849 में पास हुआ था और शायद न्यू हैंपशायर अमरीका का पहला राज्य था जिसने इस कानून को सबसे पहले कार्यान्वित किया। अमरीका के प्रत्येक राज्य में एक राजकीय पुस्तकालय है।
सन् 1885 में न्यूयार्क नगर में एक बालपुस्तकालय स्थापित हुआ। धीरे-धीरे प्रत्येक सार्वजनिक पुस्तकालय में बालविभागों का गठन किया गया। स्कूल पुस्तकालयों का विकास भी अमरीका में 20वीं शताब्दी में ही प्रारंभ हुआ। पुस्तकों के अतिरिक्त ज्ञानवर्धक फिल्में, ग्रामोफोन रेकार्ड एवं नवीनतम आधुनिक सामग्री यहाँ विद्यार्थियों के उपयोग के लिए रहती है।
आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध शहर कैनबरा में राष्ट्रसंघ पुस्तकालय की स्थापना 1927 में हुई। वास्तव में पुस्तकालय आंदोलन की दिशा में यह क्रांतिकारी अध्याय था। मेलबोर्न में विक्टोरिया पुस्तकालय की स्थापना 1853 में हुई थी। यह आस्ट्रेपुस्तकालय वह स्थान है जहाँ विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों, सेवाओं आदि का संग्रह रहता है। पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी शब्द का हिंदी रूपांतर है। लाइब्रेरी शब्द की उत्पत्ति लेतिन शब्द लाइवर से हुई है, जिसका अर्थ है पुस्तक। पुस्तकालय का इतिहास लेखन प्रणाली पुस्तकों और दस्तावेज के स्वरूप को संरक्षित रखने की पद्धतियों और प्रणालियों से जुड़ा है।
पुस्तकालय यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- पुस्तक + आलय। पुस्तकालय उस स्थान को कहते हैं जहाँ पर अध्ययन सामग्री (पुस्तकें, फिल्म, पत्रपत्रिकाएँ, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ, ग्रामोफोन रेकार्ड एव अन्य पठनीय सामग्री) संगृहीत रहती है और इस सामग्री की सुरक्षा की जाती है। पुस्तकों से भरी अलमारी अथवा पुस्तक विक्रेता के पास पुस्तकों का संग्रह पुस्तकालय नहीं कहलाता क्योंकि वहाँ पर पुस्तकें व्यावसायिक दृष्टि से रखी जाती हैं। चीन के राष्ट्रीय पुस्तकालय में लगभग पाँच करोड़ पुस्तकें हैं और यहाँ के विश्वविद्यालय में भी विशाल पुस्तकालय हैं। इंपीरियल कैबिनो लाइब्रेरी के राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना 1881 ई. में हुई थी। इसके अतिरिक्त जापान में अनेक विशाल पुस्तकालय हैं।
1713 ई. में अमरीका के फिलाडेलफिया नगर में सबसे पहले चंदे से चलनेवाले एक सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना हुई। लाइब्रेरी ऑव कांग्रेस अमरीका का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। इसकी स्थापना वाशिंगटन में सन् 1800 में हुई थी। इसमें ग्रंथों की संख्या साढ़े तीन करोड़ है। पुस्तकालय में लगभग 2,400 कर्मचारी काम करते हैं। समय समय पर अनेक पुस्तकों का प्रकाशन भी यह पुस्तकालय करता है और एक साप्ताहिक पत्र भी यहाँ से निकलता है।
अमरीकन पुस्तकालय संघ की स्थापना 1876 में हुई थी और इसकी स्थापना के पश्चात् पुस्तकालयों, मुख्यत: सार्वजनिक पुस्तकालयों, का विकास अमरीका में तीव्र गति से होने लगा। सार्वजनिक पुस्तकालय कानून सन् 1849 में पास हुआ था और शायद न्यू हैंपशायर अमरीका का पहला राज्य था जिसने इस कानून को सबसे पहले कार्यान्वित किया। अमरीका के प्रत्येक राज्य में एक राजकीय पुस्तकालय है।
सन् 1885 में न्यूयार्क नगर में एक बालपुस्तकालय स्थापित हुआ। धीरे-धीरे प्रत्येक सार्वजनिक पुस्तकालय में बालविभागों का गठन किया गया। स्कूल पुस्तकालयों का विकास भी अमरीका में 20वीं शताब्दी में ही प्रारंभ हुआ। पुस्तकों के अतिरिक्त ज्ञानवर्धक फिल्में, ग्रामोफोन रेकार्ड एवं नवीनतम आधुनिक सामग्री यहाँ विद्यार्थियों के उपयोग के लिए रहती है।
आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध शहर कैनबरा में राष्ट्रसंघ पुस्तकालय की स्थापना 1927 में हुई। वास्तव में पुस्तकालय आंदोलन की दिशा में यह क्रांतिकारी अध्याय था। मेलबोर्न में विक्टोरिया पुस्तकालय की स्थापना 1853 में हुई थी। यह आस्ट्रे
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