Hindi, asked by usha97, 1 year ago

पुस्तकालय की उपयोगिता essay in Hindi

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Answered by jyashaswylenka
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पुस्तकालय से लाभ पर निबंध | Essay on Benefit from the Library in Hindi!


मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । अन्य प्राणियों की नरह यह भी खाता है, पीता है, सोता है, जागता है; प्रेम, घृणा तथा भय आदि प्रदर्शित करता है । इन समानताओं के होते हुए भी उसमें एक बहुत बड़ी विशेषता है, जो अन्य प्राणियों में मनुष्य की अपेक्षा बहुत कम पाई जाती है ।


वह है- ज्ञान की प्यास । वह अपने वर्तमान से कभी संतुष्ट नहीं रहता । हमेशा नई-नई बातें सीखने और जानने का इच्छुक रहता है । इसके लिए वह कभी विद्यालयों का सहारा लेता है तो कभी देश-देशांतर का भ्रमण करता है और कभी पुस्तकालयों में बैठकर पुस्तकों के द्वारा स्वत: ज्ञानोपार्जन करता है ।


इस प्रकार हम देखते हैं कि भ्रमण, विद्यालय और पुस्तकालय आदि मनुष्य के ज्ञान प्राप्त करने के साधन हैं । हम यहाँ अन्य साधनों को छोड़कर केवल पुस्तकालय की आवश्यकता और उपयोगिता पर अपने विचार केंद्रित करते हैं ।


पुस्तकालय शब्द ‘पुस्तक’ और ‘आलय’ दो शब्दों के योग से बना है । आलय का अर्थ है- घर । इस प्रकार पुस्तकालय शब्द का अर्थ हुआ- ‘पुस्तकों का घर’ अर्थात् वह घर जहाँ पुस्तकें रहती हैं । प्रकाशकों तथा पुस्तक-विक्रेताओं के घरों में भी पुस्तकें काफी संख्या में होती हैं, किंतु उन्हें हम पुस्तकालय नहीं कहते । उन्हीं घरों को हम पुस्तकालय कह सकते हैं, जहाँ पढ़ने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की पुस्तकों का संग्रह किया जाता है । पुस्तकालय तीन तरह के होते हैं- १. सरकारी, २. सरकारी सहायता प्राप्त और ३. व्यक्तिगत ।


सरकारी पुस्तकालयों में भवन-निर्माण, पुस्तकों का संग्रह तथा पुस्तकालय के कर्मचारियों के वेतन का प्रबंध सरकार स्वयं करती है । सरकारी सहायता प्राप्त पुस्तकालय की व्यवस्था जनता द्वारा की जाती है । ऐसे पुस्तकालयों को सरकार कुछ आर्थिक सहायता देती है । उक्त दोनों प्रकार के पुस्तकालयों से सभी लाभ उठा सकते हैं ।


पुस्तकालय के कुछ नियम होते हैं । इन नियमों का पालन करनेवाले लोग उसके सदस्य बन जाते हैं । सदस्य बन जाने पर उन्हें पुस्तकों को घर ले जाने का भी अधिकार होता है । अध्ययनशील और ज्ञानपिपासु पाठक पुस्तकालयों के सदस्य बनकर इसका भरपूर लाभ उठाते हैं ।


कुछ लोगों को पुस्तकें पढ़ने का व्यसन होता है । वे पुस्तकों का संग्रह करते रहते हैं । धीरे-धीरे उनका संग्रह इतना विशाल हो जाता है कि वह पुस्तकालय का रूप धारण कर लेता है । ऐसे लोग प्राय: अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार ही पुस्तकों का संग्रह करते हैं ।

गरीब और आम जनों के लिए पुस्तकें खरीदकर पढ़ना संभव नहीं हो पाता है । देश-देशांतर का भ्रमण करना तथा भिन्न-भिन्न देशों की नई-नई बातों को सीखना भी उनके लिए अत्यंत कठिन होता है । सर्वसाधारण के लिए ज्ञानोपार्जन का यदि कोई सबसे सरल और सुगम साधन है तो वह पुस्तकालय ही है । पुस्तकालय सभी के लिए उपयोगी होता है । अपनी-अपनी रुचि और प्रवृत्ति के अनुसार सभी वहाँ से पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं; सभी उससे लाभान्वित हो सकते हैं ।


विभिन्न विषयों के अनुसंधान करनेवाले शोधार्थियों को यदि पुस्तकालयों का सहारा न मिले तो वे अपने उद्‌देश्य में सफल नहीं हो सकते । नए-नए अनुसंधान, नए-नए आविष्कारों तथा नई-नई रचनाओं को उपलब्ध कराने का श्रेय पुस्तकालयों को ही जाता है । प्रत्येक नए ज्ञान का आधार पाचीन ज्ञान ही होता है । प्राचीन ज्ञान प्राचीन साहित्य में सुरक्षित होता है ।


प्राचीन साहित्य की रक्षा करनेवाले पुस्तकालय ही हैं । इस दृष्टि से पुस्तकालय हमारी इस नवीन सभ्यता के जन्मदाता हैं । पुस्तकालयों का सदस्य बनकर हम घर बैठे उन दूरस्थ देशों की पुस्तकें पढ़ते और मनन करते हैं; उन देशों की सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान प्राप्त करते हैं तथा उनके ज्ञान-विज्ञान से लाभ उठाते हैं ।


इस प्रकार पुस्तकालय हमारा, हमारे समाज तथा हमारे देश का महान् कल्याण करते हैं । देश और समाज की उन्नति में वे सर्वाधिक सहायता करते हैं । हमारे धन और श्रम की बचत करते हैं । हमारी कठिनाइयों को दूर करते हैं । हमको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं । हमारे मस्तिष्क को ज्ञान-विज्ञान से पूर्ण करते हैं ।


हमारा मनोरंजन करते हैं । संसार के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए हमें प्रेरित करते हैं । ज्ञान और विज्ञान मैं बहुत आगे बड़े हुए देशों के बराबर पहुँचने के लिए हमें उत्साहित करते हैं । पुस्तकालय हमारे परम हितैषी हैं । ऐसे हितैषी का अधिकाधिक प्रचार व प्रसार करना हमारे समाज और सरकार का परम कर्तव्य है ।





jyashaswylenka: Mark me as brainliest plz
Answered by AbsorbingMan
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पुस्तकालय पुस्तकों का एक भंडार है। यह अपने परिसर में पढ़ने के साथ-साथ घर के लिए उधार लेने के लिए जानकारी के विभिन्न अन्य स्रोत भी प्रदान करता है। पुस्तकालय के संग्रह में किताबें, पांडुलिपियां, पत्रिकाएं, पत्रिकाओं, वीडियो, ऑडियो, डीवीडी और विभिन्न अन्य प्रारूप शामिल हो सकते हैं। पुस्तकों की विस्तृत श्रृंखला एक पुस्तकालय में संग्रहीत की जाती है और पुस्तक अलमारियों में अच्छी तरह से व्यवस्थित होती है।

किसी व्यक्ति के लिए घर पर पुस्तकों का इतना विस्तृत संग्रह होना संभव नहीं है। पुस्तकालय में पुस्तकों और अन्य संसाधनों की विविध शैलियों तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं। यह महंगी पुस्तकों और संसाधनों को खरीदने की आवश्यकता को दूर करता है। यदि कोई पुस्तकालय नहीं होता, तो पढ़ने के लिए प्यार करने वाले कई छात्र ज्यादातर वित्तीय कठिनाइयों के कारण पढ़ने से वंचित रह जाते।

पुस्तकालय प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह का पुस्तकालय विशेष संस्थान के छात्रों के लिए खुला है जो इसका एक हिस्सा है। इसमें छात्रों के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

पुस्तकालय लोगों को पढ़ने और सीखने की आदत विकसित करने के लिए आकर्षित करते हैं। यह पढ़ने की उनकी प्यास को बढ़ाता है और ज्ञान का विस्तार करता है। विभिन्न विषयों पर किसी भी प्रकार के शोध के लिए पुस्तकालय भी आवश्यक है।

इस प्रकार, अनुसंधान, सूचना, ज्ञान और पढ़ने की खुशी के लिए पुस्तकालय महत्वपूर्ण हैं। पुस्तकालय शांति से पढ़ने का आनंद लेने के लिए सही वातावरण प्रदान करते हैं।

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