पुस्तकों से अच्छे समाज का निर्माण संभव है essay 250 word to 300 word
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ऐसा स्थान जहां अनेक पुस्तरों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है। पुस्तकालय कहलाता है। पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचित कोश से उसे निश्चित करते हैं। अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं।
दुनियां में विषय अनंत हैं उन विषयों से संबंधित पुस्तकें भी अनंत हैं। उन सभी पुस्तकों को खरीद कर पढ़ पाना किसी के बस की बात नहीं। इस आवश्यकता की पूर्ति पुस्तकालय अत्यंत सुगमता से कर सकता है। बड़े-बड़े पुस्तकालयों में लाखों पुस्तकें संगृहीत होती हैं। इनमें वे दुलर्भ पुस्तकें भी होती हैं जो अब अप्राप्य हैं जिन्हें किसी भी कीमत पर खरीदा नहीं जा सकता।
ऐसा स्थान जहां अनेक पुस्तरों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है। पुस्तकालय कहलाता है। पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचित कोश से उसे निश्चित करते हैं। अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं।
दुनियां में विषय अनंत हैं उन विषयों से संबंधित पुस्तकें भी अनंत हैं। उन सभी पुस्तकों को खरीद कर पढ़ पाना किसी के बस की बात नहीं। इस आवश्यकता की पूर्ति पुस्तकालय अत्यंत सुगमता से कर सकता है। बड़े-बड़े पुस्तकालयों में लाखों पुस्तकें संगृहीत होती हैं। इनमें वे दुलर्भ पुस्तकें भी होती हैं जो अब अप्राप्य हैं जिन्हें किसी भी कीमत पर खरीदा नहीं जा सकता।