पुष्प को देय प्रवती क्यों कहा गया है
please koi bata do yah Mere Liye bahut important hai
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आपका प्रश्न है पुष्प की अभिलाषा अभिलाषा माखनलाल चतुर्वेदी की वीर रस से बनी हुई एक कविता पुष्प की अभिलाषा कविता और उसकी क्या अभिलाषा है मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना बैंक जिस पथ जाएं वीर अनेक जो उसके अभिलाषा से यही है कि वह नाखूनों है कि नहीं उसका जो है यह है कि सम्राट के चौक पर डाला जाए उसकी सिर्फ एक आशा है कि मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना जिस पथ जावें वीर अनेक शीशी अभिलाषा है
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