Hindi, asked by evey5268, 10 months ago

पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि-"हम भविष्य की उस 'एक दुनिया' की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी।" आपके अनुसार उस ‘एक दुनिया में क्या-क्या अच्छा है और कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं?

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Answered by nikitasingh79
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पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि-"हम भविष्य की उस 'एक दुनिया' की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी।"

मेरे अनुसार उस ‘एक दुनिया ‘ में सब मिलकर रहेंगे; ‘विश्व बंधुत्व’ की भावना का प्रसार होगा; सब सुखी होंगे। एक दूसरे की सहायता करते हुए वे प्रगति के पथ पर बढ़ेंगे। आपस में समझदारी बढ़ेगी। ज्ञान का आदान-प्रदान होने से सभी शिक्षित होंगे।

इस ‘एक दुनिया’ में सबसे बड़ा खतरा यह होगा कि सभी संस्कृतियों के एक अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुल मिल जाने से राष्ट्र विशेष की संस्कृति नष्ट हो जाएगी। इससे अपना अस्तित्व विलीन हो जाएगा और हम एक समूह बनकर रह जाएंगे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

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Answered by Anonymous
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Explanation:

Answer :

उस दुनिया में निम्नलिखित बातें अच्छी होंगी –

(1) सबको रोजगार के, शिक्षा के समान अवसर प्राप्त होंगे।

(2) सबको समानता का अधिकार प्राप्त होगा, ना कोई अमीर होगा, ना ही कोई गरीब, ना रंगभेद होगा, ना जाति पाति के भेदभाव होंगे।

(3) एकता और अखंड देश का निर्माण होगा।

(4) देश की प्रगति नए रास्तों पर बढ़ेगी।

निम्नलिखित खतरे होंगे –

(1) सबको समान रूप से रोज़गार देने के अवसरों में कहीं अराजकता ना फैल जाए क्योंकि अगर सबके लिए रोज़गार उपलब्ध नहीं हो पाया तो अंसतोष की भावना उत्पन्न होगी जिसके कारण विरोध उत्पन्न हो सकता है।

(2) सबके लिए यदि समान अवसर न प्राप्त हो तो उसकी एकता व अखंडता पर प्रभाव पड़ सकता है।

(3) अंतर्विरोधों से देश की प्रगति रूक सकती है।

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