Hindi, asked by kasimking2003, 4 months ago

'पुत्र-प्रेम कहानी में प्रेमचंद जी ने आज के समाज की धन को महत्त्व देने की मानसिकता पर प्रहार किया है | पठित कहानी के
आधार पर स्पष्ट कीजिये और साथ ही प्रमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
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Answered by piyushkumar2231
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Answer:

संस्कार शब्द का मूल अर्थ है, 'शुद्धीकरण'। मूलतः संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों से था जो किसी व्यक्ति को अपने समुदाय का पूर्ण रुप से योग्य सदस्य बनाने के उद्देश्य से उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने के लिए किए जाते थे, किन्तु हिंदू संस्कारों का उद्देश्य व्यक्ति में अभीष्ट गुणों को जन्म देना भी था।

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