Hindi, asked by alisajid09898, 2 months ago

पाठ 4 मान्य करण की दिव्य चमक का व्यंग स्पष्ट कीजिए​

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Answered by maitripatel2
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Answer:

लेखक फादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक इसीलिए कहा है कि क्योंकि फादर का व्वहार हर व्यक्ति के प्रति आत्मीय था। वे सभी के साथ एक पारिवारिक रिश्ते में बंधे थे। वे हँसी मज़ाक में निर्लिप्त रहते थे। किसी भी उत्सव और संस्कार में वह बड़े भाई और पुरोहित की तरह खड़े होकर आशीष देते।

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