Hindi, asked by amansahu91799, 1 month ago

पाठ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के संघर्ष और उनके भावनात्मक पहलू को प्रदर्शित
करनेवाली घटनाओंकावर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
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Answered by Anonymous
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बाबा साहेब के नाम से दुनियाभर में लोकप्रिय डॉ. भीमराव आम्बेडकर समाज सुधारक, दलित राजनेता, महामनीषी, क्रांतिकारी योद्धा, लोकनायक, विद्वान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व होने के साथ ही विश्व स्तर के विधिवेत्ता व भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। डॉ. आंबेडकर विलक्षण एवं अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे, उनके व्यक्तित्व में स्मरण शक्ति की प्रखरता, बुद्धिमत्ता, ईमानदारी, सच्चाई, नियमितता, दृढ़ता, प्रचंड संग्रामी स्वभाव का मणिकांचन मेल था। वे अनन्य कोटि के नेता थे, जिन्होंने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण-कामना, संतुलित समाज रचना में उत्सर्ग कर दिया। खासकर भारत के अस्सी प्रतिशत दलित सामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त थे, उन्हें इस अभिशाप से मुक्ति दिलाना ही डॉ. आंबेडकर का जीवन संकल्प था। वे भारतीय राजनीति की एक धुरी की तरह थे, जो आज दुनियाभर के लिये एक अत्यंत महत्वपूर्ण दलित मसीहा एवं संतुलित समाज संरचना के प्रेरक महामानव हैं।

Answered by nensimalviya13
2

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Prabhasakshi

बाबा साहेब के नाम से दुनियाभर में लोकप्रिय डॉ. भीमराव आम्बेडकर समाज सुधारक, दलित राजनेता, महामनीषी, क्रांतिकारी योद्धा, लोकनायक, विद्वान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व होने के साथ ही विश्व स्तर के विधिवेत्ता व भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। डॉ. आंबेडकर विलक्षण एवं अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे, उनके व्यक्तित्व में स्मरण शक्ति की प्रखरता, बुद्धिमत्ता, ईमानदारी, सच्चाई, नियमितता, दृढ़ता, प्रचंड संग्रामी स्वभाव का मणिकांचन मेल था। वे अनन्य कोटि के नेता थे, जिन्होंने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण-कामना, संतुलित समाज रचना में उत्सर्ग कर दिया। खासकर भारत के अस्सी प्रतिशत दलित सामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त थे, उन्हें इस अभिशाप से मुक्ति दिलाना ही डॉ. आंबेडकर का जीवन संकल्प था। वे भारतीय राजनीति की एक धुरी की तरह थे, जो आज दुनियाभर के लिये एक अत्यंत महत्वपूर्ण दलित मसीहा एवं संतुलित समाज संरचना के प्रेरक महामानव हैं।

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