Hindi, asked by Drishyathomas10, 1 year ago

पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले लोग अब कम है ।
Plz help me.....

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Answered by mchatterjee
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यह कथन बिल्कुल सत्य है कि अब पूरे विश्व में केवल गिने चुने ही लोग बचे हैं जिनको दूसरे के दुख से दुख होता है बाकी सभी तो स्वार्थ में जीते हैं और मकसद से जीते हैं।

एक वक्त था जब संसार के हर एक कोने में ऐसे व्यक्ति मिलते थे जिनको औरों के दुख से दुख और सुख से खुशी प्राप्त होती थी मगर आज बदलते वक्त ने सब पर अपने बदलाव के छाप को छोड़ दिया है।

अब मनुष्य को किसी के दुख से कष्ट नहीं होता बल्कि खुशी होती है औरों के दुख को देखकर। आज सब अपने स्वार्थ में जीते और मरते हैं।

किसी को औरों से कोई मतलब नहीं। बस मैं, मेरा और अपने में जीते हैं।
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